बॉम्बे हाई कोर्ट ने साल 2021 में छेड़खानी के आरोप में दर्ज की गई एफआईआर के आरोपी को राहत राहत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उसे फर्जी मामले में फंसाया गया है। इसलिए उसके खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद किया जाए। हालांकि, अदालत आरोपी के वकील की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई और उसकी याचिका को खारिज कर दिया।
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने एक लड़की के साथ छेड़खानी करने वाले शख्स के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है। आरोपी ने कहा कि वह अपंग है और उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। आरोपी मुंबई (Mumbai) से सटे मुंब्रा का रहने वाला है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति श्रीराम मोडक की खंडपीठ ने 19 अक्टूबर को आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले में 53 वर्षीय आरोपी को 19 जून 2021 को पुलिस ने छेड़खानी (Molestation) और पीछा करना जैसे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था। हालांकि, आरोपी को मजिस्ट्रेट कोर्ट से 16 जून 2021 को जमानत मिल गई थी। जिसके बाद उसने दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
क्या था मामला
अपनी शिकायत में 28 वर्षीय पीड़ित महिला ने लिखा था की 8 जून 2021 की रात तकरीबन 10 बजे के आसपास आरोपी ने मुझसे छेड़खानी की थी। आरोपी एक कार के पास खड़ा था और उसने मुझसे कहा, ‘यह गाड़ी मेरी है चल एक घंटे में घूम के आते हैं। यह घटना तब हुई जब पीड़ित महिला कार के पास से गुजर रही थी। इसके बाद आरोपी ने कार का दरवाजा खोला और पीड़िता को अंदर धक्का देने की कोशिश की, उसे गलत तरीके से छुआ और जान से मारने की धमकी भी दी। आरोपी ने पीड़िता को धमकाते हुए कहा कि अगर इस बात को किसी से कहा तो उसे जान से मार दिया जाएगा।
पीड़िता ने यह भी बताया कि इस घटना के कुछ महीनों पहले भी आरोपी ने उसके साथ ऐसी ही हरकत की थी। पीड़िता के मुताबिक मार्च 2021 में आरोपी ने पिता से कहा था कि तू मुझे बहुत पसंद है मेरे साथ चलेगी क्या? मैं तुझे खुश कर दूंगा। पीड़िता ने बताया कि आरोपी तब भी उसका पीछा करता था।
आरोपी की दलील
अपने बचाव में आरोपी ने याचिका में कहा है कि वह अपंग है और साल 2006 में हुई दुर्घटना में के बाद वह अपने अपने दाहिने हाथ को इस्तेमाल भी नहीं कर पाता है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि मैंने उसे अपनी कार में धक्का दिया और उसे जबरन बैठने के लिए मजबूर किया यह पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद इल्जाम है। अरविंद गायक ऐसे गलत तरीके से फसाया गया है क्योंकि उसने एक पार्षद के खिलाफ कई शिकायतें की थीं।