Marne ke bd kya hota hai : कहा जाता है कि व्यक्ति खाली हाथ आया है और खाली हाथ ही जाएगा। लेकिन, ग्रंथों के अनुसार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी 5 चीजें उसके साथ अगले जन्म तक जाती हैं। तो आइए जानते हैं मरने के बाद क्या साथ ले जाता है व्यक्ति।
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आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा की मृत्यु के बाद व्यक्ति के साथ कुछ नहीं जाता। जो भी उस व्यक्ति से जुड़ी भौतिक सुख की चीजें है वह सब यहीं रह जाती हैं। अगर पुराण, वेद और बाकी धर्मग्रंथ को देखा जाए तो उनमें स्पष्ट बताया गया है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी कुछ चीजें उसके साथ अगले जन्म तक जाती हैं। कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका भुगतान व्यक्ति के अगले जन्म में भी करना पड़ता है। तो आइए जानते हैं ऐसी कौन सी पांच चीजें है जो मरने के बाद भी व्यक्ति के साथ जाती हैं।
मृत्यु के बाद भी साथ जाता है ज्ञान
ज्ञान व्यक्ति को भीड़ में सबसे अलग करता है। ज्ञान के बल पर आप अपनी एक अलग पहचान और लोगों पर छाप छोड़ने में कामयाब रहते हैं। इसलिए अपनी मृत्यु से पहले पहले आप जितना ज्ञान ले लेंगे वह आपके बहुत काम आएगा। दरअसल, ऐसी मान्यता है कि जीवित रहते हुए व्यक्ति जो गुण सीख लेता है वह उसके साथ मृत्यु के बाद भी जाते हैं। इसलिए अपना समय खुद को अच्छा ज्ञान और गुण सीख में व्यस्त करें। श्री गीता में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि ज्ञान और दान कभी नष्ट नहीं होता है।
मृत्यु के बाद भी साथ जाता है कर्ज
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि कर्ज कभी भी व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ता, अगर किसी व्यक्ति ने आपका भला किया है तो उसका ये ऋण जैसा ही मौका मिले उतार देना चाहिए। अगर आप किसी का ऋण नहीं उतारते हैं तो उसे जन्म जन्मांतर तक चुकाना पड़ता है वह कर्ज उतारना पड़ता है। अगले जन्म में वह कर्ज किसी भी रूप में आपको चुकाना पड़ सकता है। साथ अगर आपने किसी को कर्ज दिया है और उस व्यक्ति की मृत्यु कर्ज चुकाने से पहले ही हो जाती है तो आपको भी बार बार जन्म लेना पड़ सकता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति को उसकी मृत्यु के साथ ही माफ कर देना आपके लिए उचित रहेगा।
मृत्यु के बाद भी साथ जाती है वासना और मोह
ग्रंथों के अनुसार, अगर किसी चीज को पाने की चाहत रखते हैं और वह चीज व्यक्ति को न मिले तो मृत्यु के बाद भी उस चीज की वासना उसका पीछा नहीं छोड़ती। सांसारिक सुखों की चाहत रखना वासना ही है। वासना को लेकर विष्णु पुराण में एक कथा भी मौजूद है। राजा भरत को अपने हिरण के बच्चे से बहुत प्यार था। उसी के बारे में सोचते हुए उसने प्राण त्याग दिए। अगले जन्म में राजा को खुद हिरण रूप में जन्म लेना पड़ा। इसलिए कामना और वासना को अपने मन में हावी नहीं होने देना चाहिए। साथ ही किसी भी चीज को लेकर अधिक मोह माया नहीं होनी चाहिए।
मृत्यु के बाद भी साथ जाते हैं कर्म
गीता में कहा गया है कि मनुष्य जीवन बिना कर्म के संभव नहीं है। हर पल मनुष्य अच्छे ये बुरे कर्म करता है। मृत्यु समीप आने पर व्यक्ति के कर्मों द्वारा ही तय होता है कि उसे परलोक में सुख मिलेगा या दुख। इन्हीं के परिणाम से अगले जन्म में अच्छा बुरा फल प्राप्त होता है। कर्म 7 जन्मों तक व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ते हैं। इसका एक उदाहरण महाभारत में भी मौजूद है। बाणों की शैय्या पर लेटे हुए भीष्म को भगवान कृष्ण से जब भीष्म वे पूछा की मुझे ऐसी मृत्यु क्यों मिली तो भगवान कृष्ण ने उन्हें 7 जन्म पहले की घटना याद दिलाई। 7 जन्म पहले भीष्ण ने एक अधमरे सांप को उठाकर नागफनी के कांटों पर फेंक दिया था। कर्म मनुष्य का कभी पीछा नहीं छोड़ते।