नन्हे-मुन्ने, बच्चों लौटेंगे अब आगनबाड़ी केंद्र , गर्भवतियों और धात्री माताओं के लिए पकेंगे पकवान

कालेजों, स्कूलों सहित प्रदेश भर के सभी शिक्षण संस्थानों के पूरी तरह खुलने के बाद अब दो साल बाद प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी नौनिहालों का आना-जाना शुरू हो जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार दो मार्च से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्रियों को पका हुआ भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। बता दें कि कोरोना के चलते मार्च 2020 के बाद जब बंदिशें लगी थीं तो सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे। अब 19 फरवरी को सरकार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना नियमों की पालना करते हुए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में दो मार्च से पहले की भांति व्यवस्था की जाए और पका हुआ भोजना मुहैया करवाया जाए।

बताते चलें कि प्रदेशभर में लगभग साढ़े 18 हजार आंगनबाड़ी केंद्र, 500 से अधिक मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें 37 हजार के लगभग वर्कर्स और हेल्पर सेवारत हैं। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में पांच लाख के लगभग बच्चे, 35 हजार के करीब किशोरियां और एक लाख से अधिक गर्भवती और धात्री माताएं पंजीकृत हैं। हमीरपुर वूमन एंड चाइल्ड डिवेलपमेंट के डीपीओ हुकम शर्मा ने बताया कि डायरेक्टर वूमन एंड चाइल्ड डिवेलपमेंट की ओर से 19 फरवरी को निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि दो मार्च से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पका हुआ भोजन दिया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों की वर्कर्स और हेल्पर्स तक यह सूचना पहुंचा दी गई है । (एचडीएम)