लोन फर्जीवाड़ा मामलाः पूर्व स्वास्थ्य निदेशक की बढ़ी मुश्किलें, बनेंगे सीबीआई जांच का हिस्सा

बेटे तुषार ने एसबीआई से जो लोन लिया था उसमें पूर्व स्वास्थ्य निदेशक राकेश शर्मा गारंटर थे

लोन फर्जीवाड़ा मामलाः  पूर्व स्वास्थ्य निदेशक की बढ़ी मुश्किलें, बनेंगे सीबीआई जांच का हिस्सा

ऊना के रक्कड़ कालोनी में करीब 3.50 करोड़ रुपए के लोन फर्जीवाड़े के संबंध में पिछले दिनों सीबीआई की छापेमारी में हिमाचल के पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉ. राकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि उनके बेटे तुषार ने एसबीआई से जो लोन लिया था। इसमें पिता एवं पूर्व स्वास्थ्य निदेशक राकेश शर्मा गारंटर थे। तुषार पर आरोप है कि उन्होंने लोन के लिए गलत दस्तावेज दिए और ऋण भी नहीं चुकाया। इसलिए सीबीआई ने गारंटर डॉ. राकेश शर्मा को आरोपी बनाया है।उनके साथ साथ मैसर्स तनिष्क एग्रो वेंचर प्राइवेट लिमिटेड, निदेशक तुषार शर्मा, उसकी पत्नी निदेशक श्वेता शर्मा, निशा गारंटर को भी लोन फर्जीवाड़े में आरोपी बनाया गया है।

बताया जा रहा है कि तुषार ने ऊना में एसबीआई से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की CC लिमिट, 2 करोड़ रुपए का टर्म लोन लिया था। लोन लेते वक्त गारंटी के गलत दस्तावेज दिए गए। बैंक को बताया गया कि खाद्य तेल की पैकिंग, बोतल व तेल बनाने इत्यादि का काम शुरू कर दिया गया है। जांच में पता चला कि उद्योग विभाग से फर्म को पंजीकृत ही नहीं कराया गया। इस फर्जीवाड़े में बैंक के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों को भी नामजद किया गया है। जैसे जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, बैंक अधिकारियों व कर्मियों के नाम भी सामने आएंगे। एसबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय ऊना के क्षेत्रीय अधिकारी राजेश कौंडल ने फर्जीवाड़े की शिकायत CBI के बैंक सेल को दिल्ली में भेजी थी। इसमें 3.43 करोड़ का फर्जीवाड़ा होने के आरोप लगाए गए थे। CBI ने इस शिकायत को शिमला ब्रांच में भेजा। प्रारंभिक जांच के बाद ही मामला दर्ज किया गया है।