बाहर से गांवों में आने वाले लोगों के लिए खुरवाईं क्षेत्र के हिमाचल के ऊना जिले के बंगाणा में त्यार गांव के युवक ने मिसाल पेश की है। नरेंद्र कुमार पांच दिन पहले रेड जोन दिल्ली से लौटे हैं। इन्होंने गांव, परिवार व समाज के अन्य लोगों को संदेश देने के लिए अपने आप को फसलों की रखवाली के लिए खेत में बनाए गए ‘मचान’ को अपना आशियाना बना लिया है। दिल्ली से आने के उपरांत यह युवक अपने माता-पिता पत्नी को बच्चों से नहीं मिला है।
इस युवक द्वारा अपने आप को मचान पर आईसोलेट किए जाने से समूचे क्षेत्र में तारीफ की जा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इस युवक की तरह बाहर से आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी सबक लेना चाहिए व प्रशासन द्वारा तय एडवाइजरी को मानना चाहिए। यह युवक दिल्ली की एक निजी कंपनी में कार्यरत है, लेकिन कोरोना वायरस से एहतियात के चलते इस कंपनी को बंद कर दिया गया व इस युवक को घर आना पड़ा। अपने गांव व परिवार की हिफाजत के लिए खेतों में बनाए गए मचान को आशियाना बनाने के लिए इस युवक की चारों ओर प्रशंसा की जा रही है।
पांच दिनों से नरेंद्र कुमार खेत में बनाए गए मचान में ही अपने खाने-पीने व सोने की व्यवस्था कर रहे हैं। युवक के अनुसार 14 दिन खेत में बनाए गए मचान पर ही गुजारने हैं। इससे उनका गांव व परिवार विश्व भर में फैल चुकी महामारी से सुरक्षित रहेगा व समाज के अन्य लोगों को भी इससे संदेश जाएगा कि प्रशासन के कहे अनुसार अपने आप को क्वारंटीन करें।