लंदन, कीव, न्यूयॉर्क…किसी शहर पर परमाणु बम गिरा तो क्या होगा? कहीं छिप जाओ, मौत खोज ही लेगी, समझें खतरा

Nuclear Bomb Effect: रुस और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया में एक बार फिर परमाणु बम का खतरा मंडराने लगा है। इससे पहले परमाणु युद्ध का खतरा शीत युद्ध के दौरान देखने को मिला था। मिडिलबरी इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डॉ जेफरी लुईस ने समझाया है कि अगर न्यू यॉर्क पर न्यूक्लियर हमला हुआ तो इसका क्या असर दिखाई देगा।

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लंदन, कीव, न्यूयॉर्क…किसी शहर पर परमाणु बम गिरा तो क्या होगा? कहीं छिप जाओ, मौत खोज ही लेगी, समझें खतरा
शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और सोवियत संघ के बीच परमाणु युद्ध की धमकियां लगातार चलती रही हैं। शीत युद्ध के दौरान हमेशा ये डर बना रहता था कि सोवियत संघ किसी भी दिन हमला कर न्यूयॉर्क को बर्बाद कर देगा। 1950-60 के दशक में न्यूयॉर्क में सायरन की आवाज सुनाई देते ही सभी को शेल्टर में जाना रहता था। रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण एक बार फिर परमाणु युद्ध का संकट खड़ा हो रहा है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन कई बार परमाणु युद्ध की धमकी दे चुके हैं।

​पूरा न्यूयॉर्क हो जाएगा तबाह

न्यूयॉर्क में आज भी कई न्यूक्लियर शेल्टर मौजूद हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर किसी शहर पर परमाणु बम गिरे को तो क्या होगा? अगर न्यू यॉर्क का ही उदाहरण लें तो इस पर हमला पूरी दुनिया के बिजनेस पर हमले की तरह होगा। एक एक्सपर्ट ने वार्निंग दी है कि अगर न्यूयॉर्क पर परमाणु हमला हुआ तो स्थानीय लोग तबाह हो जाएंगे। मिडिलबरी इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डॉ जेफरी लुईस के मुताबिक न्यूयॉर्क के वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर अगर हमला हुआ तो पूरी पश्चिमी छोर राख बन जाएगा।

​पूरी तरह आ जाएगी बर्बादी

आसपास के ज्यादातर इलाके जिनके नाम हमने फिल्मों में सुने हैं वह सब बर्बाद हो जाएंगा। इतना ही नहीं, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी टूट कर पानी में गिर जाएगी। डॉ लुईस कहते हैं कि सबसे पहले धमाके के केंद्र से आधे किमी तक हर चीज पूरी तरह गल जाएगी। आधे किमी के बाद शॉकवेव निकलेगी जो धमाके से लगभग दो किमी तक की सभी बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाएंगी। शॉकवेव दूर तक तबाही मचाती रहेगी।

​रेडिएशन होगा सबसे बुरा

प्रोफेसर लुईस कहते हैं कि इस धमाके के बाद सबसे खराब चीज होगी रेडिएशन। उनका कहना है कि रेडिएशन एक दर्दनाक मौत देता है। कुछ घंटे या कुछ दिनों तक रेडिएशन में आए लोग अच्छे दिख सकते हैं। उन्हें उल्टी या डायरिया जैसा लगेगा। लेकिन बाद में स्थिति और भी ज्यादा खराब होगी, कुछ दिन बाद लोग अपने आप मरने लगेंगे। उन्हें अगर सही इलाज मिल गया और वह बच गए तो भी उनका दो साल जिंदा रहना मुश्किल होगा। सभी अस्पताल खचाखच भरे होंगे। यहां पहुंचे ज्यादातर मरीज जलने, हड्डी टूट, कटने या अन्य तरह की चोट से पीड़ित होंगे।

​न्यूक्लियर धमाके की होगी बारिश

लुईस कहते हैं कि इन सबके बाद सबसे बुरी चीज न्यूक्लियर धमाके से निकली राख और धूल होगी, जो हर चीज को दूषित करेगी। अगर बम जमीन पर गिर कर फटा है तो धमाके के बाद गिरने वाली धूल ज्यादा होगी। अगर ये बारिश के साथ मिल जाती है तो काली बारिश होगी। हिरोशिमा में धमाके के बाद ऐसा ही हुआ था।