हरे राम हरे कृष्ण की धुन से गूंजा लंदन, मंदिर पर हमले के बाद भी भक्तों ने निकाली रथयात्रा

ब्रिटेन में रविवार को रथयात्रा का आयोजन किया गया। लंदन शहर में रथयात्रा निकाली गई। भगवान जगन्नाथ एक साल बाद अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए बाहर निकले। इसमें रंग बिरंगे कपड़ों के साथ भारतीय समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। ब्रिटेन में दो समुदायों के बीच हाल के दिनों में तनाव देखा गया है। लेकिन रथयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकली।
ब्रिटेन में निकली रथयात्रा

ब्रिटेन में निकली रथयात्रा

ब्रिटेन में दो समुदायों के बीच तनाव के बावजूद लंदन में रथ यात्रा का आयोजन किया गया। रथ यात्रा के दौरान लंदन शहर की गलियां हरे राम, हरे कृष्ण के जयकारों से गूंज उठी। भक्ति वृक्ष समुदाय ने 25 सितंबर को पूर्वी लंदन की सड़कों पर भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा का आयोजन किया। रथयात्रा निकालना उड़ीसा के पुरी की संस्कृति है। ISKON के संस्थापक आचार्य एसी भक्तिवेदांव स्वामी प्रभुपाद ने 1967 में इसे पश्चिमी दुनिया के सामने रखा था।

दो हजार भक्त हुए शामिल

दो हजार भक्त हुए शामिल

तभी से रथयात्रा निकालना एक विश्वव्यापी उत्सव बन गया है। पूरे जुलूस में लगभग 2000 भक्तों ने रंग-बिरंगे परिधान पहन कर नृत्य किया और गाना गाया। भक्तों ने 108 वस्तुओं से भगवान जगन्नाथ को भोग चढ़ाया। भारतीय समुदाय इसके लिए पूरी तरह से उत्साह में था।

  • श्लोक लिखने की हुई प्रतियोगिता

    श्लोक लिखने की हुई प्रतियोगिता

    लंदन के क्रेनबुक रोड पर ढोलक व भजन की धुन सुनाई दे रही थी। बच्चों ने यहां श्लोक को लिखने की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। पार्क में एक मेले का आयोजन भी किया गया, जहां लोगों ने धार्मिक किताबें खरीदी।

  • मंदिर पर हुआ था हमला

    मंदिर पर हुआ था हमला

    ब्रिटेन में दो समुदायों के बीच क्रिकेट मैच के बाद तनाव है। जिसके बाद रथयात्रा निकालने को लेकर डरे हुए थे। सबसे ज्यादा चिंता इस बात की थी कि रथ यात्रा निकालने की इजाजत मिलेगी या नहीं। लेकिन सबकुछ शांतिपूर्ण तरीके से हुआ।

    ​मंदिर पर हुए थे हमले

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    ​मंदिर पर हुए थे हमले
    ब्रिटेन के लीसेस्टर में भारत पाकिस्तान के क्रिकेट मैच के बाद दो समुदायों के बीच तनाव देखने को मिला था। भारतीय समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया था। इसके साथ ही मंदिरों पर भी हमला हुआ था। मंदिरों और भारतीयों पर हमले को लेकर भारतीय उच्चायोग ने भी ब्रिटेन से कार्रवाई की मांग की थी।