17 साल में पिता को खोया, जिम्मेदारियों ने पेंटर और डिलीवरी बॉय बनाया, अब मेहनत से बने अधिकारी

उनके लिए सफलता पाना बेहद मुश्किल होता है जिनके पास धैर्य नहीं. वहीं, धैर्यवान लोगों का सफलता बाहें खोल कर स्वागत करती है. जो लोग थोड़ी सी मेहनत के बाद फल तलाशने लगते हैं वो परिस्थितियों के आगे घुटने टेकने में ज़रा समय नहीं लगाते. वहीं जो लक्ष्य की तरफ देखते हुए मेहनत करते आगे बढ़ते रहते हैं उन्हें सफलता जरूर मिलती है. इस बात का एक उदाहरण हैं केरल के अबिन गोपी.

पिता को खोने के बाद बने पेंटर

success story of abin gopi Instagram

सोशल मीडिया पर एक बार फिर से केरल के अबिन गोपी की इच्छाशक्ति और मेहनत के चर्चे हो रहे हैं. अबिन उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो मुश्किल हालातों से डर कर अपने सपनों को मार देते हैं और मौजूद परिस्थितियों को ही अपनी किस्मत मान लेते हैं. क्या आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि कम उम्र में अपने पिता को खो देने वाला एक लड़का जो पेट पालने के लिए पेंट करने तक का काम करता था, वो आज एक अधिकारी है? यदि आपको इस बात पर यकीन नहीं तो निश्चित ही आपको अबिन की कहानी जाननी चाहिए.

अबिन उस समय मात्र 17 साल के थे जब उनके पिता की मृत्यु हो गई. इसके बाद घर की जिम्मेदारी 17 साल के अबिन के कंधों पर आ गई. उन्होंने इसके लिए जी तोड़ मेहनत की. पेंटर का काम किया, डिलीवरी बॉय का काम किया लेकिन इसके साथ साथ अपने सपने को भी जिंदा रखा और आगे चल कर एक अधिकारी बन कर सबको प्रेरित कर दिया.

IAS ने शेयर की सफलता की कहानी

फिलहाल IAS Dr Sumita Misra द्वारा उनका वीडियो शेयर किये जाने के बाद से वह एक बार फिर से चर्चा में हैं और यूजर्स की वाह-वाही लूट रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए IAS अधिकारी ने लिखा कि, “सफलता शर्म से नहीं साहस से मिलती है, इसलिए लोगों के ताने से परेशान होकर अपना रास्ता मत बदलना.”

इस वीडियो को देखने के बाद लोग काफी पॉजिटिव महसूस कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर शेयर हुए इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि अबिन ने तमाम मुश्किल हालातों से लड़कर ऑफिसर बनने तक का सफर किया. वायरल हो रहे इस वीडियो को शेयर कर आईएएस अधिकारी अबिन की कहानी पूरी दुनिया के सामने लाना चाहती हैं.

परिस्थितियों से लड़कर बने अधिकारी

success story of abin gopi Instagram

अबिन की परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें जानने वाले लोगों ने ये मान लिया था कि उनका कोई भविष्य नहीं है. उनके पिता नारियल बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. जैसे तैसे पिता घर चला रहे थे लेकिन इस पर भी आफत तब हो गई जब वो इस दुनिया को अलविदा कह गए. उस समय अबिन की उम्र मात्र 17 साल थी. किस्मत ने पढ़ाई के प्रति जागरुक अबिन के हाथों से किताबें छीन कर पेंट ब्रश पकड़ा दिया और वह  घर की ज़िम्मेदारियां संभालने के लिए पेंटर बन गए. उसके बाद उन्होंने डिलीवरी बॉय का काम भी किया.

इस मुश्किल घड़ी में एक बात अच्छी ये रही कि अबिन ने पढ़ाई से अपना नाता नहीं तोड़ा और अपने सपने को जिंदा रखा. जब उन्हें उचित समय मिला तब जी-तोड़ मेहनत कर उन्होंने मात्र 2 साल के प्रयास में केरल के सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अबिन गोपी वर्तमान में रेवेन्यू विभाग में  डिप्टी कलेक्टर के पद पर हैं.