जमीन गंवाई, नौकरी भी नहीं मिल पाई, लोगों को रोजगार देने के समझौते से सीमेंट कंपनी ने फेरा मुंह

प्रदेश में एक सीमेंट कंपनी द्वारा प्रधानमंत्री सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के आदेशों को भी दरकिनार किया जा रहा है। सीमेंट प्लांट लगाने के लिए वांछित भूमि के अधिग्रहण से लैंड लूजर्स हुए परिवारों को नौकरी देने के समझौते से कंपनी प्रबंधन मुंह फेर रहा है। कई ऐसे पात्र परिवार व व्यक्ति आज भी नौकरी से वंचित है, जिस कारण उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है करीब एक वर्ष पूर्व निदेशक उद्योग द्वारा निर्देश जाने के बाद भी कंपनी प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रही है और इन निर्देशों को ठेंगा दिखा रही है। गुस्साए प्रभावितों ने जल्द ही समस्या का हल न होने पर आंदोलन का मन बना लिया है। गौरतलब है कि दाड़लाघाट में एक सीमेंट कंपनी द्वारा प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट को लगाने व रॉ मेटिरियल के लिए आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इस समझौते के तहत भूमि अधिग्रहण के बाद लैंड लूजर्स हुए परिवारों से एक व्यक्ति को कंपनी द्वारा नौकरी देने का प्रदान किए जाने का भी प्रावधान किया गया था।

बावजूद इसके कई ऐसे परिवार अभी भी इस लाभ से वंचित हैं। एक तरफ उनकी जमीन भी चली गई और दूसरी ओर उन्हें नौकरी भी नहीं मिल पाई। कंपनी ने भूमि अधिग्रहण वर्ष 2018 में पूरा कर लिया था, लेकिन कई परिवारों को अभी भी नौकरी नहीं दी गई है। पिछले कई वर्षों से यह परिवार नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय तक गुहार लगाई थी, जिसके बाद प्रदेश सरकार व संबंधित विभाग को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दिए गए थे। इस बाबत 19 जुलाई, 2021 को उद्योग विभाग के निदेशक ने सीमेंट कंपनी प्रबंधन को एक पत्र संख्या सीएम/ आरईएफ/ 2021-22-4599 जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया था कि आवेदनकर्ताओं ने पीएम कार्यालय ने ई-समाधान पर मिली इस गुहार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। (एचडीएम)

पीएम आफिस के आदेश दरकिनार

उद्योग निदेशक ने कंपनी को निर्देश दिए थे कि इस संबंध में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाए, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है। प्रभावित लैंड लूजर्स गंगी देवी निवासी स्वाग, डाकघरट गणागुघाट, तहसील अर्की ने बताया कि बार-बार आवेदन करने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी निर्देशों को कंपनी द्वारा दरकिनार किया गया है।

परिवार के पालन-पोषण की चिंता

ट्रक आपरेटर पवन ठाकुर ने बताया कि कंपनी की इस मनमानी के चलते परिवार का पालन-पोषण मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी की मनमानी इसी तरह चलती रही, तो प्रभावितों को आंदोलन की राह पकडऩी पड़ेगी।