मां को खोया, पिता ने घर से निकाला, नानी ने पढ़ाया, 10वीं में बिहार टॉप कर श्रीजा ने मेहनत सफल कर दी

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मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है…

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की इस कविता को बिहार की श्रीजा ने सच साबित कर दिखलाया है. बिहार की श्रीजा 10वीं की परीक्षा में 99.4% अंक प्राप्त करके अपने राज्य की टॉपर बन गई है.

22 जुलाई को केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने 10वीं (CBSE 10th Results 2022) और 12वीं के रिज़ल्ट्स (CBSE 12th Results 2022) घोषित किए. श्रीजा ने वो कर दिखलाया है जिसकी मिसालें कई पीढ़ियों को दी जाएगी.

4 साल की उम्र में मां को खोया

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जिस उम्र में माता-पिता अपने बच्चों को दुनिया के बारे में बताते हैं, उस उम्र में श्रीजा ने वो सब झेला जिसकी हम कल्पना मात्र ही कर सकते हैं. घर यानि दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह, श्रीजा के लिए वही घर उसके दुखों का सबब बन गया था. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीजा सिर्फ़ 4 साल की थी जब उसकी मां की मौत हो गई. मां को खोने के बाद श्रीजा के पास पिता का ही सहारा था लेकिन श्रीजा की किस्मत में अभी कठिन परिक्षाएं बाकी थीं.

पिता ने घर से निकाल दिया

हमने कई कहानियां ऐसी पढ़ी हैं जहां एक पैरेंट के न होने पर दूसरा पैरेंट ही दोनों पैरेंट्स की भूमिका निभाता है. श्रीजा के पिता ऐसे नहीं थे. पत्नी के गुज़रने के बाद उन्होंने अपनी बेटी को सीने से लगाने के बजाए घर से निकाल दिया. श्रीजा को उसके नाना-नानी ने पाल-पोस कर बड़ा किया.

नाना-नानी के पास रहकर मेहनत की, स्टेट टॉपर बनी

 

श्रीजा अपने नाना-नानी के पास रहकर पली-बढ़ी. मां का साया उठ चुका था, पिता होते हुए भी नहीं था. इस सब के बावजूद श्रीजा ने मेहनत की, धैर्य साधे रखा और आज 10वीं की परीक्षा में 99.4% अंक ले आई.

नाना-नानी श्रीजा की कामयाबी से बहुत खुश हैं और खुद को भाग्यशाली मानते हैं. नानी ने कहा कि ये खुशियां किसी और के दरवाज़े पर होती लेकिन उसने श्रीजा को नहीं अपनाया. न ही श्रीजा का पिता उससे कभी मिलने आया.

श्रीजा की सफ़लता सभी के लिए मिसाल है. हम उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.