लखनऊ/पटना: 16 सितंबर की सुबह-सुबह जब लखनऊ के लोगों की नींद खुली तो ग्राउंड फ्लोर पर रहनेवाले लोगों को ऐसा लगा कि वो किसी टापू पर हैं। हाल ये था कि उनके बिस्तर के नीचे पानी था और घर का सामान अंदर बने तालाब में तैर रहा था। ठीक इसी तरह 3 साल पहले सितंबर 2019 में ही पटना के लोगों का भी सामना ऐसी ही बारिश से हुआ था जो बाढ़ में बदल गई थी।
लखनऊ की बारिश ने दिलाई पटना 2019 वाली बारिश
ये चार तस्वीरें पटना की हैं। साल 2019 की सितंबर में बारिश ने राजधानी में कुछ ऐसा कहर ढाया था कि आधे से ज्यादा पटना बारिश में डूब गया था। बारी-बारी से देखिए धड़कनें बढ़ाने वाली वो तस्वीरें।
जब पटनावालों की नींद खुली और पाया खुद को बाढ़ में घिरा
28 सितंबर 2019, रात को आराम से सोए पटना के लोगों को ये पता तक नहीं था कि सुबह उनका पाला किस आफत से पड़ने वाला है। जब सुबह में लोगों की नींद खुली तो सड़क ही नहीं उनके घर का ग्राउंड फ्लोर पानी में डूब चुका था।
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तीन दिन की बारिश और डूब गया आधा पटना
29 सितंबर की सुबह होते-होते हाल ये हो गया कि पटना के लोग घर से सुरक्षित जगहों की तलाश में निकलने लगे। खासतौर पर राजेंद्र नगर में हालत ये हो गई थी कि उन्हें बच कर निकलने के लिए जेसीबी तक का सहारा लेना पड़ा।
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तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी तक फंसे
मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अपने घर में ही जलकैदी बन गए थे। इन्हें NDRF और SDRF की टीम ने राजेंद्र नगर वाले इनके घरों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
5/6जब एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों ने पटना शहर में उड़ान भरी
सिर्फ तीन दिन की जोरदार बारिश ने आधे पटना को बाढ़ में डूबो दिया। ये पहली बार था जब पटना शहर त्राहिमाम कर उठा था। हाल ये हो गया था कि मदद के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों को उड़ान भरनी पड़ी। इसके बाद इन हेलीकॉप्टरों ने न सिर्फ लोगों तक खाना पहुंचाया बल्कि जी जान झोंक कर पटना के लोगों को बाढ़ से बचाया।
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नदी बन चुकी पटना में उतरे थे मोटरबोट्स
जब एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर पटना के आसमान में मोर्चा संभाले थे तो उसी वक्त NDRF और SDRF के मोटरबोट्स नदी बन चुकी पटना में लोगों की मदद के लिए उतरे। इस दौरान इन टीमों ने हजारों लोगों तो घरों से निकाल कर ऊंची और सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। आज लखनऊ भी कुछ ऐसे ही हालात की ओर बढ़ता दिख रहा है।