Luka Modric: रिफ्यूजी कैंप में रहने को मजबूर, बमबारी के बीच निखारा खेल, रुला देने वाली है मोड्रिच की कहानी

Luka Modric Struggle Story: फुटबॉल खिलाड़ियों की कमाई के बारे में तो सभी बात करते हैं। लेकिन उसके पीछे का स्ट्रगल काफी कम लोगों को पता होता है। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं क्रोएशिया के कप्तान लुका मोड्रिच। दुनिया के सबसे बेहतरीन में मिडफील्डर में शामिल मोड्रिच की कहानी रुला देने वाली है।

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दोहा: लुका मोड्रिच (Luka Modric) फुटबॉल की दुनिया के सबसे बड़े नामों में शामिल हैं। पिछले 10 सालों में मोड्रिच फुटबॉल का सबसे बड़ा अवॉर्ड बैलेन डि ओर जीतने वाले एकमात्र मिडफील्डर हैं। वह स्पेन के क्लब रियाल मैड्रिड के लिए खेलते हैं। 2018 में मोड्रिच की कप्तानी में क्रोएशिया ने सभी को चौंकाते हुए फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल तक का सफर तय किया था। उन्हें टूर्नामेंट का बेस्ट खिलाड़ी भी चुना गया था। लेकिन 37 साल के मोड्रिच के लिए यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है।

रिफ्यूजी कैंप में बीता बचपन

लुचा मोड्रिक का जन्म 1985 में जदर, तब के यूगोस्लाविया में हुआ था। लेकिन 6 साल की उम्र में मोड्रिक की दुनिया उलटी गई क्योंकि यूगोस्लावियन गृहयुद्ध छिड़ गया। सर्बिया के सैनिक क्रोएशिया के आम लोगों की हत्या करनी शुरू कर दी। 1991 में क्रोएशिया के स्वतंत्रता लड़ाई के दौरान सर्बियाई मिलिशिया ने मोड्रीसी के छोटे से गांव पर धावा बोल दिया। गोलीबारी में मोड्रिच के दादा जी की मौत हो गई।

कैंप में करते थे प्रैक्टिस

मोड्रिक का पालन-पोषण उनके दादा करते थे क्योंकि उनके माता-पिता कपड़े के कारखाने काम करने जाते थे। दादा की मौत के बाद उनके परिवार को मोड्रीसी से पलायन कर शरणार्थियों के रूप में होटल इज जाना पड़ा। होटल के कार पार्क में मोड्रिच घंटों तक फुटबॉल की प्रैक्टिस करते थे। इस दौरान आसपास गोलीबारी और बमबारी होती ही रहती थी। उस होटल में भी रहना आसान नहीं था क्योंकि वहां बिजली तक नहीं होती थी।

युद्ध ने मजबूत बनाया

2008 में उन दिनों को याद करते हुए मोड्रिच ने कहा था, ‘जब युद्ध शुरू हुआ तो हम शरणार्थी बन गए और वह मुश्किल समय था। मैं छह साल का था। मैं उन्हें विशद रूप से याद करता हूं लेकिन यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे आप याद रखना या सोचना चाहते हैं।’ मोड्रिच ने कहा था कि युद्ध ने उन्हें मजबूत बना दिया। उन्होंने कहा, ‘युद्ध ने मुझे और मजबूत बनाया। मैं उसे हमेशा याद नहीं रखना चाहता, लेकिन मैं इसे भूलना भी नहीं चाहता।’

5 चैंपियंस लीग जीत चुके

लड़ाई के दौरान ही एक लोकल क्लब ने मोड्रिच के खेल के बारे में सुना और उन्हें अपने साथ जोड़ लिया।क्लब में ट्रेनिंग के दौरान भी कई बार बमबारी होती थी, ऐसे में खिलाड़ियों को मैदान छोड़कर भागना पड़ता था। लेकि मोड्रिच ने हार नहीं मानी। लड़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने खेल जारी रहा और लगातार बेहतर होते गए। 2003 में क्रोएशिया के ही क्लब डिनामो जेगरेब के लिए सीनियर डेब्यू किया। 2016 में क्रोएशिया के लिए खेलने का मौका मिला।

2008 तक घरेलू क्लब के लिए खेलने के बाद लुका मोड्रिच इंग्लैंड पहुंचे। वह चार सालों तक इंग्लिश क्लब टॉटेंहम हॉस्टपुर का हिस्सा थे। 2012 में स्पेन के रियल मैड्रिड ने उन्हें अपने साथ जोड़ा। 10 सालों से मोड्रिच क्लब का हिस्सा हैं। इस दौरान तीन ला लिगा ट्रॉफी के साथ ही 5 बार चैंपियंस ट्रॉफी भी जीत चुके हैं। वह चार बार फीफा वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने क्रोएशिया के लिए भी 158 मुकाबले खेले हैं।