जिला कांगड़ा में लंपी वायरस के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। जिससे पशुपालन विभाग ने राहत की सांस ली है । जिला में जहां पहले प्रतिदिन करीब 15 सौ मामले प्रतिदिन सामने आ रहे थे। वहीं अब यह आंकड़ा घटकर 300 से 350 तक पहुंच चुका है। बदलते मौसम के साथ लंपी वायरस के मामलों में थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। जिला कांगड़ा पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर संजीव धीमान ने कहा कि लंपी वायरस अब जिले में नियंत्रण दर में है। उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक कुल 32353 मामले सामने आ चुके है।
जिसमें अभी तक लंपी वायरस से 1861 पशुओं की मृत्यु हुई है। संजीव दीवान ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का कार्य लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में 17 हजार से अधिक पशु लंपी वायरस से ठीक हो चुके हैं और रिकवरी डेट भी बेहतर हो रहा है उन्होंने कहा कि पशु मृत्यु पर विभाग द्वारा किसानों को डेथ सर्टिफिकेट और मुआवजा मुहैया कराया जा रहा है। संजीव धीमान ने कहा कि अभी तक जिला कांगड़ा में 30 हजार से अधिक पशुओं की वैक्सीनेशन की जा चुकी है। और अन्य पशु चिकित्सा संस्थानों को वैक्सीनेशन उपलब्ध करवाने के लिए मंगवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि कुछ नए क्षेत्रों में लंपी वायरस के मामले देखने को मिल रहे हैं। जिस पर विभाग पूरी तरह से अपनी नजर बनाए हुए। उन्होंने कहा कि लंपी वायरस टेंपरेचर से भी अफेक्ट होता है ओर ठंडे मौसम में इसका प्रभाव कम है उन्होंने अनुरोध किया कि जहां भी आवारा पशु वायरस संक्रमित दिखे तुरंत प्रभाव से नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान को सूचित किया जाए। जिससे आवारा पशु की वजह से पालतू पशुओं में संक्रमित न हो सके। उन्होंने कहा कि इस वायरस का इंसानों पर कोई प्रभाव नहीं है वही संक्रमित पशु के दूध को भी पीने में कोई परेशानी नहीं है उबाल कर दूध का उपयोग कर सकते हैं।