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साइकिल के पीछे छिपकर गन फ़ाइट में हिस्सा लेने का सीन हो
‘आई एम अ डिस्को डांसर’ गाना हो
या कुंग फ़ू का इंडियन वर्ज़न हो
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70-80 के दशक का Disco Dancer
ये आज की जेनरेशन को समझाना मुश्किल है कि 70 और 80 के दशक में गौरांग चक्रवर्ती उर्फ़ मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) का क्या क्रेज़ था. आज उन्हें भले की हर रोल में पसंद किया गया. बॉलीवुड, बांग्ला और भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री के चमकते सितारे रहे हैं मिथुन दा. हिंदी, बांग्ला, भोजपुरी, ओड़िया, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और पंजाबी भाषा में 350 से ज़्यादा फ़िल्मों में नज़र आ चुके हैं मिथुन चक्रवर्ती. 1989 में बतौर मुख्य किरदार उनकी 19 फ़िल्में रिलीज़ हुई और उनका नाम लिमका बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ. अब तक ये रिकॉर्ड कोई भारतीय अभिनेता नहीं तोड़ पाया है.
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एक असहाय बच्ची को लिया गोद
फ़िल्मों की दुनिया अलग मिथुन चक्रवर्ती ने लोगों की ज़िन्दगी में बदलाव लाने की पूरी कोशिश की. पितृ्सत्ता की ज़ंज़ीरों में जकड़े हमारे समाज में अब महिलाओं की हालात सुधर रही है लेकिन संघर्ष अभी भी जारी है. एक समय था जब बेटियों को जन्म लेते ही मार देने या सड़क किनारे फेंक आने की घटनायें बेहद आम थीं. पश्चिम बंगाल में एक लड़की को किसी ने सड़क किनारे कचरे के ढेर में मरने के लिये फेंक दिया था और मिथुन चक्रवर्ती ने उसकी मदद करने का निश्चय किया था.
उस समय NGO और कुछ सरकारी अधिकारियों ने बच्ची को बचाया. बच्ची बहुत कमज़ोर थी और वो लगातार रो रही थी और तब मिथुन दा उसकी मदद को आगे आये. मिथुन ने अपनी पत्नी योगिता बाली के साथ मिल कर बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया. बच्ची को घर लाया गया और नाम दिया गया, ‘दिशानी’.
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मिथुन समाज सुधार और पीड़ित लोगों की सहायता के लिये चुपचाप काम करते हैं और इससे जुड़ी ख़बरे मीडिया में कम ही आती है.
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इन फ़िल्मों ने शिखर पर पहुंचाया
मिथुन दा क्या थे और वो स्क्रीन पर क्या कर जाते थे ये समझने के लिये उनकी फ़िल्में देखना ज़रूरी है. मृणाल सेन की मृगया (1976) से मिथुन चक्रवर्ती ने बॉलीवुड में डेब्यू किया और इस फ़िल्म के लिये उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला. 1978 में आई ‘मेरा रक्षक’ ब्लॉकबस्टर थी. ये फ़िल्म इतनी सफ़ल थी कि मिथुन को कई फ़िल्में मिलीं. 1980 के दशक में मिथुन बॉलीवुड के राजा के रूप में उभर कर आये. इस दशक में मिथुन की 100 से ज़्यादा फ़िल्में आईं.
1982 में आई ब्लॉकबस्टर डिस्को डांसर ने ‘जिम्मी’ को घर-घर पहुंचा दिया
मिथुन चक्रवर्ती ने कसम पैदा करने वाले की (1984), घर एक मंदिर (1984), गुलामी (1985) डांस डांस (1987), कमांडो (1988), गुरु (1989), लकी: नो टाइम फ़ॉर लव (2005,) चिंगारी (2005), गोलमाल 3 (2010) जैसी फ़िल्मों में भी नज़र आये थे.
मिथुन चक्रवर्ती के सीन्स पर अब मीम्स बनने लगे हैं लेकिन वो इतने मंझे हुये अभिनेता थे कि एक ही टेक में सीन पूरा कर लेते थे और ‘चक्रवर्ती शॉट’ भी मशहूर था. उन्होंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली है और इसमें ब्लैक बेल्ट भी हैं. फ़िल्मों की दुनिया में ऐंट्री करने से पहले वे डांसिंग डिवा हेलन के असिस्टेंट थे.