Madhya Pradesh Foundation Day: ऐसे बना था देश का दिल, जानें पंडित जवाहर लाल नेहरू ने क्यों दिया मध्यप्रदेश नाम

Madhya Pradesh Foundation Day News: एमपी का पुनर्गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था। तब प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग किया गया था। मध्‍य प्रदेश का राज्‍य पशु बारहसिंघा और राज्‍य पक्षी दूधराज है। मध्‍य प्रदेश का राजकीय वृक्ष बरगद है। मध्य प्रदेश भारत के कई दिग्गजों का जन्मस्थान रहा है।

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मध्यप्रदेश की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी

भोपाल: देश का हृदय प्रदेश कहे जाने वाले मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस आज प्रदेशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। सन 1956 में राज्‍यों के पुनर्गठन के बाद 1 नवंबर 1956 को देश को नया राज्य मध्‍यप्रदेश मिला था। मध्य प्रदेश अपने प्राकृतिक क्षेत्रों के साथ-साथ इतिहास के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को समाहित किए हुए है। मध्यप्रदेश का आजादी की लड़ाई में भी विशेष योगदान है। मध्य प्रदेश भारत के कई दिग्गजों का जन्मस्थान रहा है। एमपी का पुनर्गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था। तब प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग किया गया था। आइए जानते हैं मध्यप्रदेश से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

क्यों कहलाता है हृदय प्रदेश
मध्यप्रदेश भारत के मध्‍य भाग में स्थित है इसी कारण से इसे मध्यप्रदेश और हृदय प्रदेश के नाम से जाना जाता है। 1947 में जब देश आजाद हुआ था तो मध्य भारत और विंध्य प्रदेश को मिलाकर मध्यप्रदेश का गठन किया गया था। 1950 में मध्य प्रांत का नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर दिया गया था। यहां के जंगलों में देश में सबसे ज्यादा बाघ हैं। इसी कारण से इसे टाइगर स्टेट के नाम से भी जाना जाता है।
जानें क्या है राज्य के राजकीय चिन्ह
मध्‍य प्रदेश का राज्‍य पशु बारहसिंघा और राज्‍य पक्षी दूधराज है। मध्‍य प्रदेश का राजकीय वृक्ष बरगद है। मध्‍य प्रदेश को देश भर में हीरा उत्‍पादक राज्‍य के रूप में पहचाना जाताहै। राज्य के पन्ना जिले में बड़ी संख्या में हीरे की खदान हैं।

सोयाप्रदेश भी कहलाता है मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में सभी फसलों की खेती होती है। लेकिन राज्य में मुख्य रूप से सोयाबीन का उत्पादन होता है जिस कारण से इसे सोयाप्रदेश के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में क़रीब साठ फीसदी सोयाबीन का उत्पादन होता है। सोयाबीन सबसे ज्यादा मालवा औऱ निमाड क्षेत्र में होता है।

4 राज्यों से मिलकर बना मध्यप्रदेश
मध्य प्रदेश का निर्माण सीपी एंड बरार, मध्य भारत ( ग्वालियर-चंबल ), विंध्यप्रदेश और भोपाल से मिलकर हुआ था। महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, विंध्य प्रदेश और भोपाल के आसपास के हिस्सों को मिलाकर इश राज्य का गठन किया गया था। कहा जाता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस राज्य का नाम करण किया था। पहले विध्यप्रदेश की राजधानी रीवा था, महाकौशल की राजधानी जबलपुर थी।
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पांच राज्यों की सीमा को टच करता है मध्यप्रदेश
मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती हैं। उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र और पश्चिम में गुजरात तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान राज्‍य है। राज्य में कुल 10 संभाग हैं और 52 जिले हैं।
धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण
मध्यप्रदेश धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। 12 शिव ज्योर्तिलिंग में से 2 (ओंकारेश्वर एवं महाकालेश्वर) मध्‍य प्रदेश में हैं । उज्जैन में हर 12 साल में सिंहस्थ का आयोजन किया जाता है। वहीं, सतना जिले में मैहर माता का मंदिर है। भीमबैटका, पचमढ़ी, खजुरोहा, सांची के स्‍तूप, ग्‍वालियर का किला जैसी ऐतिहासिक धरोहर हैं।

कई प्रमुख व्यक्तियों की जन्मस्थली
मध्यप्रदेश कई प्रमुख व्यक्तियों की जन्मस्थली है। आजादी की लड़ाई लड़ने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद, अटल बिहारी वाजपेयी, संगीत की दुनिया के दुनिया के सबसे बड़े नाम किशोर कुमार और लता मंगेशकर जैसी महान हस्तियों का जन्म यहीं हुआ है।
भोपाल को राजधानी के रूप में चुना गया
1 नवंबर, 1956 को प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी औऱ विधानसभा का चयन भी कर लिया गया। भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में चुन लिया गया। राजधानी बनने के बाद 1972 में भोपाल को जिला घोषित कर दिया गया। मध्य प्रदेश के गठन के समय कुल जिलों की संख्या 43 थी। प्रदेश की राजधानी बनने के लिए कई जिले होड़ में थे। इनमें से रीवा और जबलपुर प्रमुख थे।