मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में जुबानी जंग तेज है। पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री एवं विधायक जयवर्धन सिंह भाजपा का संकल्प पत्र नहीं दृष्टिहीन, दिशाहीन पत्र है। इसमें नगर निगम में नहीं आने वाली बातें भी जोड़ दी गई हैं।
मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों को लेकर प्रचार अपने शबाब पर है। कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री एवं विधायक जयवर्धन सिंह ने भाजपा के संकल्प पत्र को दृष्टिहीन और दिशाहीन बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें नगर निगम में नहीं आने वाली बातें भी जोड़ दी गई हैं।
पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री एवं विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा इतनी गैर-जिम्मेदार है कि उसने संकल्प पत्र में ऐसी बातें जोड़ दी हैं जो नगरीय निकाय के कार्यक्षेत्र में ही नहीं आती हैं। यह संकल्प पत्र भाजपा का घोषणा पत्र नहीं बल्कि नागरिकों पर करों का बोझ बढ़ाने का मुखपत्र है। उन्होंने कहा कि भोपाल में मेट्रो ट्रेन का एमओयू कमलनाथ सरकार में साइन हुआ था। 2023 तक मेट्रो चलाने का लक्ष्य था, लेकिन शिवराज सरकार अब तक मेट्रो के काम को आगे नहीं बढ़ा सकी। कमलनाथ सरकार ने भोपाल के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया था। सरकार गिरने के कारण यह लागू नहीं हो सका लेकिन भाजपा ने इसे अब तक लागू नहीं कराया। इससे भाजपा की विकास विरोधी नीति स्पष्ट हो जाती है।
उपभोक्ता शुल्क बढ़ाने के दिए संकेत
जयवर्धन सिंह ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र में घोषणा क्रमांक 6.1 पर लिखा है कि निकायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपभोक्ता शुल्कों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा, ताकि सेवाएं राष्ट्रीय मानक अनुसार नागरिकों को उपलब्ध कराई जा सकें। संकल्प पत्र के घोषणा क्र. 6.2 पर लिखा है कि निकायों की राजस्व वृद्धि को ध्यान में रखते हुए जीआईएस आधारित संपत्ति कर सर्वे ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। पहली घोषणा स्पष्ट रूप से बताती है कि भाजपा नगर निगम द्वारा वसूल किए जाने वाले शुल्क को बढ़ाने का स्पष्ट इरादा रखती है। दूसरी घोषणा से साफ है कि भाजपा अगर नगर निकाय में सत्ता में आती है तो संपत्ति कर बढ़ा दिया जाएगा।कांग्रेस टैक्स को आधा करना चाहती है
पूर्व मंत्री ने कहा कि इसके उलट भोपाल में कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी के घोषणा पत्र में साफ कहा गया है कि पानी का बिल और हाउस टैक्स आधा कर दिया जाएगा। अगर भाजपा की नियत जनता को फायदा पहुंचाने की होती तो वह भी ऐसी ही स्पष्ट घोषणा करती। उन्होंने भाजपा से पूछा कि आपके संकल्प पत्र में घोषणा क्र. 8.5 पर महिलाओं को पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया है। मैं आपसे जानना चाहता हूं कि क्या पुलिस की भर्ती नगर निगम और नगर पालिका के माध्यम से की जाती है, जो आपने यह घोषणा अपने संकल्प पत्र में रखी है।
नगरीय निकाय के पास गांवों के अधिकार कहां से आए?
जयवर्धन सिंह ने पूछा कि इस संकल्प पत्र के घोषणा क्रमांक 12.3 पर घोषणा की गई है कि सरकार ने स्वामित्व योजना में 271000 ग्रामीणों को रिहायशी जमीन पर कानूनी अधिकार दिए हैं, आगे भी इस तरह गरीब ग्रामीणों को आवास उपलब्ध कराने के लिए सरकार सहायता करती रहेगी। जनता जानना चाहती है कि नगर निकाय कब से गांव को जमीन पर अधिकार देने लगे हैं? गांव के संबंध में घोषणा नगरों के संकल्प पत्र में देकर भाजपा ने यही साबित किया है कि वह अपने संकल्प पत्र को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
ज्यादातर योजनाएं जनभागीदारी से लागू करेंगे, पर कैसे?
संकल्प पत्र में ज्यादातर योजनाओं के बारे में कहा गया है कि ये योजनाएं जनभागीदारी से लागू कराई जाएंगी। बुनियादी ढांचा विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये निवेश करने का वादा संकल्प पत्र में किया गया है। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि सरकार का खर्च चलाने के लिए कर्ज लेने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आखिर इतना पैसा कहां से लेकर आएंगे? स्पष्ट है कि भाजपा या तो यह सारी घोषणाएं पूरी ही नहीं करना चाहती या फिर पहले से ही 3.50 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे मध्य प्रदेश को और ज्यादा कर्ज के बोझ में डुबा दिया जाएगा। इसकी भरपाई करने के लिए मध्य प्रदेश की जनता को देश में सबसे ज्यादा महंगा डीजल, सबसे महंगा पेट्रोल, सबसे महंगी गैस, सबसे महंगी बिजली और सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने पड़ेंगे। भाजपा सिर्फ झूठ बोल सकती है और सब्जबाग दिखा सकती है। भाजपा का संकल्प पत्र जनता को निराश करने वाला है। इस नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी जबरदस्त जीत हासिल करेगी और मध्य प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।