मध्य प्रदेश: कीड़े-मकौड़े की तरह हमें फेंका जा रहा…सिंधिया समर्थक मंत्री के विरोध पर मिली ‘सजा’ तो फूट-फूटकर रोया बीजेपी नेता

सागर में सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ बीजेपी नेता ने बगावत का बिगूल फूंक दिया है। इसके बाद राजकुमार सिंह धनौरा को पार्टी से निकाल दिया गया है। पार्टी से निकाले जाने के बाद धनौरा फूट-फूटकर रोए हैं।

bjp suspended leader rajkumar singh
bjp suspended leader rajkumar sing- बीजेपी से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनौरा

सागर: मध्यप्रदेश (MP BJP Row) का सागर जिला सत्ता का केंद्र बनता जा रहा है। बीजेपी का गढ़ बन चुके सागर में कथित रूप से कांग्रेस का सफाया तब हो गया, जब हाल ही में कमलनाथ के खास माने जाने वाले खुरई के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, कमलनाथ को सत्ता से बेदखल करने वाले सिंधिया समर्थक परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पहले ही कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इसके बाद सागर जिले से तीन मंत्री शिवराज कैबिनेट में हैं। इसकी वजह से सागर एमपी की राजनीति का पावर सेंटर बनता जा रहा है।
ऐसे में सागर बीजेपी में खटपट का दौर भी शुरू हो गया है। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के पुराने लोग अब मुखर होकर अपनी बात रखने लगे हैं। कांग्रेस से आए नेताओं के खिलाफ आवाज उठ रही है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब बीते दिनों मंत्री गोविंद सिंह की विधानसभा सुरखी से ही विरोध का बिगुल फूंका गया।

क्षेत्रीय विधायक की मांग

क्षेत्रीय विधायक की मांग करने वाले राजकुमार सिंह धनोरा को बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया है। राजकुमार सिंह धनोरा ने गोविंद सिंह राजपूत के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था। उन्होंने कहा था कि सुरखी विधानसभा में कभी भी कोई स्थानीय व्यक्ति विधायक नहीं रहा है। पं. ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी से लेकर विट्ठल भाई पटेल तक, लक्ष्मीनारायण यादव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह और पारुल साहू इनमें से कोई भी सुरखी विधानसभा से नहीं आता।

रो पड़े बीजेपी के तत्कालीन नेता

वहीं, पार्टी से निष्कासित राजकुमार सिंह ने मीडिया से बात की है। मीडिया से बात करते हुए वह भावुक हो गए। वह आंसू नहीं रोक पाए। उन्होंने फफक-फफकर रोते हुए कहा कि 30 साल तक मैंने पार्टी की सेवा की लेकिन कीड़े-मकौड़े की तरह हमें निकालकर फेंक दिया गया।

मंत्री की शिकायत पर निष्कासन

जानकारी के अनुसार इन्हें राजस्व और परिवहन मंत्री की शिकायत पर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। राजकुमार धनौरा ने अब मंत्री और उनके परिवारजनों के खिलाफ आरपार की लड़ाई शुरू कर दी। राजकुमार धनौरा 30 साल से बीजेपी के कार्यकर्ता हैं और महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। उन्होंने कहा है कि वह जनसंघ के समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

राजकुमार धनौरा ने कहा कि जब से सिंधिया और उनके समर्थक बीजेपी में आए, तब से पुराने कार्यकर्ताओं की स्थिति पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदुओं जैसी हो गई है। उन्हें अब अपनी सुरक्षा को लेकर भी डर सताने लगा है।

कहां से आई संपत्ति

उन्होंनेकहा कि सुरखी, जैसीनगर, राहतगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष, जैसीनगर जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य आदि मंत्री के साथ कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को बनाया गया है। वहीं, संगठन में भी कमलेश बघेल, देवेंद्र फुसकेले, अरविंद राजपूत आदि को बड़े-बड़े पद दिए गए। राजकुमार ने कहा कि जिस परिवार के पास 40 साल पहले कुछ नहीं था, अब वे 500 एकड़ जमीन, पेट्रोल पंप, होटल, क्रेसर, दिल्ली, खजुराहो, भोपाल, इंदौर समेत कई शहरों में करीब 5 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं।

2023 की तैयारी और जातिगत समीकरण

मंत्री भूपेंद्र सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र खुरई से पहले सुरखी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। राजकुमार धनौरा उनकी बहू दिव्या सिंह के भाई हैं। भूपेंद्र सिंह की जड़ें, अब भी सुरखी क्षेत्र में मजबूत हैं। वोटरों के जातिगत समीकरण की बात करें तो खुरई और सुरखी में दांगी फैक्टर काम करता है। राजकुमार का गोविंद सिंह को बीजेपी में स्वीकार न करना बड़ा बयान साबित हो सकता है। यदि दांगी लामबंद हुए तो 2023 में सिंधिया समर्थक मंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।