यूपी के अलीगढ़ जिले में टॉपर रोहित कुमार ने बोर्ड परीक्षा से 6 महीने पहले ही एक कागज पर अपना टारगेट लिखकर दे दिया था, जब रिजल्ट आया तो सब हैरान रह गए। अब रोहित की शानदार रिजल्ट की कहानी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
परीक्षा से 6 महीने पहले ही लिख लिया था टारगेट
रोहित ने सितंबर महीने में ही स्कूल के प्रधानाचार्य को एक कागज पर 10वीं के रिजल्ट में अपना लक्ष्य लिखकर दे दिया था। उन्होंने अपने लक्ष्य में 95% नंबर लिखे थे। जब मंगलवार को बोर्ड के नतीजे घोषित हुए तो रोहित ने अपने लक्ष्य को पूरा भी कर लिया। उनके बोर्ड परीक्षा में 94.67% नंबर आए। उन्होंने 600 में से 568 नंबर हासिल किए। इतना ही नहीं रोहित के तीन विषय हिंदी, गणित और विज्ञान में 100 में से 97 नंबर आए। रोहित बताते हैं, ‘मैंने पहले ही 95 फीसदी का टारगेट फिक्स कर लिया था। कमरे में स्टडी टेबल के सामने भी मैंने टारगेट लिख रखा था। इसलिए मैं अपने रिजल्ट को देखकर बहुत हैरान नहीं हूं लेकिन मुझे खुशी है कि मेहनत काम आई है।’
बिना कोचिंग के किया जिला टॉप
रोहित ने स्कूल में पहला स्थान प्राप्त किया है वहीं अलीगढ़ जनपद में उनका चौथा स्थान रहा। जनपद टॉप करने पर उनके स्कूल और गांव में खुशी का माहौल है। रोहित अपनी सफलता का श्रेय अपने स्कूल और परिवार को देते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने कोई कोचिंग नहीं ली। मैं बस घर पर सेल्फ स्टडी करता था। मैं रोजाना स्कूल जाता था, स्कूल के टीचर पढ़ाई पर फोकस रखते हैं। स्कूल में नए-नए प्रयोग होते रहते हैं। हमारे टीचर्स और प्रिंसिपल समय-समय पर तैयारी के टिप्स देते हैं। इसी का नतीजा है जो मेरा रिजल्ट अच्छा आया।’
पिता कपड़े की दुकान चलाते हैं
रोहित अतरौली के शेखूपुर गांव में रहते हैं। उनके पिता रामेश्वर दयाल की कपड़े की एक छोटी सी दुकान है। उनकी मां सुनीता देवी हाउस वाइफ हैं। रोहित बताते हैं, ‘मेरे माता-पिता ज्यादा पढ़े लिए नहीं है। पिता जी 10वीं में फेल हो गए थे। लेकिन उन्होंने मेरी पढ़ाई पर हमेशा ध्यान दिया। मेरी हर एक जरूरत को पूरा किया।’ रोहित तीन भाई-बहन हैं। बड़ा भाई एक साल सीनियर है वहीं छोटी बहन 5वीं में पढ़ती है। रोहित रोजाना 5-6 घंटे पढ़ाई करते थे, लेकिन इसका कोई रुटीन नहीं था, जब भी उनका मन करता वो पढ़ाई करने बैठ जाते। अपनी तैयारी के बारे में रोहित कहते हैं, ‘पढ़ाई का कोई रुटीन नहीं होता, जब भी मन करे पढ़ाई करो। हमारा लक्ष्य तय होना जरूरी है। अगर मन में जिज्ञासा है पढ़ने का जूनून है तो कोई भी सफलता हासिल की जा सकती है।’
स्कूल की तरफ से शानदार पहल
रोहित के स्कूल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल जगवीर सिंह बताते हैं कि रोहित पढ़ने में बहुत अच्छे हैं। वो मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं, लेकिन पढ़ाई के प्रति उनकी लगन शानदार है। स्कूल को उम्मीद है कि रोहित 12वीं में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। प्रिसिंपल ने आगे बताया कि स्कूल छात्रों की तैयारी पर बहुत ध्यान देता है। बच्चों को मोटिवेट करने के लिए हम समय-समय पर कई कार्यक्रम करते हैं। 10वीं और 12वीं के छात्रों से परीक्षा से कुछ महीने पहले एक परफॉर्मा भरवाया जाता है, जिस पर छात्र अपना टारगेट लिखते हैं। इसे स्कूल में जमा करना होता। रोहित ने इस परफॉर्मा पर पहले ही 95% का लक्ष्य लिखकर जमा कराया था। इस परफॉर्मा पर परीक्षा में कितने दिन बचे हैं ये भी लिखा होता है, जिससे छात्र अपनी तैयारी पर फोकस कर सकें।