उत्तराखंड के इस मंदिर में छिपे हैं चुंबकीय रहस्य, शरीर को खींच लेती हैं यहां की शक्तियां

उत्तराखंड में आपको कई मंदिर दिख जाएंगे, जिनका अपना महत्व है, लेकिन अल्मोड़ा के कसार देवी का एक अलग ही ऐतिहासिक महत्व है। जी हां, ये मंदिर अपने चुंबकीय प्रभाव के लिए मशहूर है। अगर आप नवरात्रि में देवी के मंदिर में जाने का सोच रहे हैं, तो एक बार इस मंदिर में जरूर जाएं।

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उत्तराखंड के इस मंदिर में छिपे हैं चुंबकीय रहस्य, शरीर को खींच लेती हैं यहां की शक्तियां

उत्तराखंड जैसे खूबसूरत राज्य से पूरा देश वाकिफ है, बल्कि यहां की कुछ ऐसी जगह हैं, जो विदेशों के लोगों में काफी लोकप्रिय हैं, जैसे ऋषिकेश और हरिद्वार। योग राजधानी के रूप में प्रसिद्ध ऋषिकेश में आप विदेशियों को भी घूमते हुए देख पाएंगे। लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड में मौजूद एक ऐसे रहस्यमय मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां लोग दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं अल्मोड़ा के कसर देवी मंदिर की। ये मंदिर अपने एक अनोखे चुंबकीय चमत्कार से भी लोकप्रिय है, जिसके बारे में जानने के लिए अक्सर यहां वैज्ञानिक भी आते रहते हैं। माना जाता है कि इस चमत्कार के बारे में आजतक कोई भी पता नहीं लगा पाया है। चलिए आज हम आपको कसर मंदिर के बारे में बताते हैं।

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कसार देवी का इतिहास – History Of Kasar Devi

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कसार देवी वो जगह है, जहां स्वामी विवेकानंद भी आए थे, यहां उन्होंने ध्यान किया था, तब से ये जगह और मंदिर हर तरह के यात्रियों के बीच फेमस हो चुकी है। स्वामी विवेकानंद को ये जगह इतनी पसंद आई थी कि उन्होंने अपने लेखन में इसका जिक्र भी किया था। कसार देवी की लोगों में इतनी लोकप्रिय हुई कि यहां बॉब डायलन, जॉर्ज हैरिसन, कैट स्टीवंस, एलन गिन्सबर्ग और टिमोथी लेरी जैसे कुछ प्रसिद्ध व्यक्ति भी आए थे। 70 के दशक में हिप्पी संस्कृति के दशक में ये जगह हिप्पी हिल बन गई थी।

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चुंबकीय शक्ति के लिए मशहूर कसार देवी –

कसार देवी मंदिर भारत की देवभूमि के नाम से फेमस उत्तराखंड की अल्मोड़ा पहाड़ियों पर स्थित है। मंदिर के बारे में माना जाता है कि यहां देवी मां साक्षात अवतार में आई थीं। कहते हैं कि भारत की ये एक एकलौती ऐसी जगह है, जहां चुंबकीय शक्तियां मौजूद हैं। मंदिर के आसपास कई जगह हैं, जहां धरती के अंदर बड़े-बड़े भू-चुंबकीय पिंड हैं। आपको बता दें, कसार देवी मंदिर के आसपास का क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है। यहां धरती के अंदर भू-चुंबकीय पिंड है। इस मंदिर से कई शक्तियां जुड़ी हुई हैं, जिसका पता लगाने के लिए यहां नासा के वैज्ञानिक भी आए हैं, लेकिन आखिर में वो खाली हाथ ही लौटे हैं। इस क्षेत्र के आसपास लोगों को मानसिक शांति का अनुभव होगा।

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हर साल लगाया जाता है मेला –

अल्मोड़ा में मौजूद कसार देवी मंदिर एक बड़ा ही ऐतिहासिक महत्व रखता है, ये मंदिर फेमस तीर्थ स्थलों में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दौरान कसार मेला लगाया जाता है, जहां हजारों-लाखों लोग शरीख होते हैं। जानकारी के मुताबिक, मेले का महत्व न केवल देश के लोगों में बल्कि विदेशों में भी काफी फैला हुआ है।

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कसार देवी के आसपास और यहां करने के लिए चीजें –

शांति पाने के लिए आप आसपास के गांव में जा सकते हैं, यहां की हरियाली और नजारे आपको यकीनन मंत्रमुग्ध कर देंगे। यही नहीं कसार देवी बिनसर वाइल्डलाइफ सेंचुरी के काफी पास है, यहां आप हर प्रजाति के पक्षियों को देख सकते हैं। कसार देवी मंदिर के आसपास आप योग और मेडिटेशन भी कर सकते हैं। यहां डियर पार्क भी है, जो नारायण तिवारी देवाई में स्थित है। ये पार्क अल्मोड़ा से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। पार्क देवदार और ओक के जंगलों से घिरा हुआ है।

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कैसे पहुंचें कसार देवी – How to reach Kasar Devi Temple

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हवाईजहाज से – देहरादून का पंतनगर हवाई अड्डा कसार देवी के सबसे नजदीक है, जो 124 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से, यात्री आसानी से स्थानीय बसों या निजी टैक्सियों लेकर अल्मोड़ा जा सकते हैं जो कसार देवी मंदिर से 8 किलोमीटर दूर है।

ट्रेन से – कसार देवी का पास का रेलवे काठगोदाम रेलवे स्टेशन है और यह मंदिर से 88 किलोमीटर की दूरी पर है। स्थानीय बसें और प्राइवेट टैक्सियां स्टेशन से अल्मोड़ा के लिए रोजाना चलती हैं।

सड़क द्वारा – आखिरी डेस्टिनेशन, कसार देवी अल्मोड़ा से सिर्फ 8 किलोमीटर दूर है, जो प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मंदिर और दिल्ली के बीच की दूरी 373 किलोमीटर है, जिसे बसों, टैक्सियों या प्राइवेट कारों के माध्यम से कवर किया जा सकता है।