सोशल मीडिया पर एक बार फिर से रोमिला थापर का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में थापर कहती दिख रही हैं कि महाभारत में युधिष्ठिर सम्राट अशोक से प्रेरित थे। आखिर 2010 का ये वीडियो अब क्यों वायरल हो रहा है, आइए बताते हैं।
नई दिल्ली: मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर (Romila Thapar) के एक पुराने वीडियो ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है। थापर का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वो कह रही हैं कि महाभारत में युधिष्ठिर का चरित्र सम्राट अशोक से प्रेरित था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोग प्रोफेसर थापर की योग्यता को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
रोमिला का पुराना वीडियो हो रहा वायरल दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो क्लिप साल 2010 के एक इंटरव्यू का अंश है। इस वीडियो का टाइटल था, ‘रोमिला थापर-इंडियाज् पास्ट एंड प्रेसेंटः हाऊ हिस्ट्री इन्फॉर्म्स कंटम्परेरी नेरेटिव’। वीडियो में थापर से सम्राट अशोक को लेकर सवाल पूछा गया था। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुराणों सहित अन्य साहित्यों में अशोक का मजाक बनाया गया। सिर्फ बौद्धिक साहित्य में उनके बारे मे लिखा-पढ़ा गया। इस दौरान उन्होंने महाभारत की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘जब युधिष्ठिर को राजा बनने के लिए कहा गया तो उन्होंने राजसुख त्याग कर कहीं जाने की बात कही। उन्होंने कहा का राजसुख का त्याग बौद्ध धर्म से प्रेरित रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ इतिहासकार मानते हैं कि राजकाज के त्याग की युधिष्ठिर की भावना के पीछे अशोक की छवि थी।
क्या है पूरा मामला? ये पूरा मामला इंडिया इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर शुरू हुआ। दरअसल शनिवार को दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में थापर को ‘हमारा इतिहास, उनका इतिहास, किसका इतिहास?’ विषय पर बोलने के लिए बुलाया गया। कई लोग इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने लगे और थापर का पुराना वीडियो शेयर करने लगे। एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर आपने 2021 में संदीप बालकृष्ण के हिंदुओं के मोपला नरसंहार कार्यक्रम को रद्द कर दिया। आपने कहा IIC किसी भी ‘विवादास्पद मुद्दे’ को छूना नहीं चाहता। फिर आप बदनाम रोमिला थापर को क्यों आमंत्रित कर रहे हैं जो इतिहास को लगातार झुठलाने के लिए जानी जाती रही हैं?’
सोशल मीडियो यूजर ने उठाए सवाल एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘थापर के झूठ का पहले ही कई बार पर्दाफाश हो चुका है। क्या आप चाहते हैं कि हम उस गाथा को फिर से शुरू करें? एक इतिहासकार के भेष में इस महिला, जिसने बीते वर्षों की राजनीति को अपनाने के लिए हमारे इतिहास को सफेद कर दिया, उसके साथ ठीक वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए जैसा वह वास्तव में है।’कुछ लोग इंडिया इंटरनेशनल के खिलाफ भी बोलते नजर आए। एक यूजर ने लिखा, ‘IIC फर्जी इतिहास और कट्टरता को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। सामान्य संदेह है, लेकिन प्रोफेसर से जरूर पूछें। युधिष्ठर बुद्ध का अनुसरण कैसे कर सकते हैं जो युधिष्ठर से कम से कम दो हजार साल बाद पैदा हुए थे।’