महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने सपत्नीक पंढरपुर के प्रसिद्ध भगवान विट्ठल मंदिर में पूजा अर्चना की. (फोटो @mieknathshinde)
पुरानी परंपरा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हर साल आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर के भगवान विट्ठल मंदिर में पूजा करते हैं. सीएम शिंदे ने ये परंपरा निभाते हुए समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समृद्धि की कामना की. बाद में, शिंदे ने कहा कि सभी लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि यह सरकार उनकी है. हम अपने काम से ऐसी भावना पैदा करने की कोशिश करेंगे.
पुणे: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पंढरपुर के प्रसिद्ध मंदिर में भगवान विट्ठल और देवी रुक्मिणी की पूजा-अर्चना की. इस दौरान शिंदे के साथ उनकी पत्नी लता शिंदे भी मौजूद थीं. मुख्यमंत्री ने समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समृद्धि की कामना की. 30 जून को मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले शिंदे ने किसान, मजदूर, वारकरी (भगवान विट्ठल के भक्त) और व्यापारी समुदाय सहित समाज के प्रत्येक वर्ग के सुख-समृद्ध की मन्नत मांगी.
लंबे समय से चली आ रही परंपरा के मुताबिक महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री हर साल आषाढ़ी एकादशी पर भगवान विट्ठल के मंदिर में पूजा करते हैं और समाज के हर वर्ग की समृद्धि की कामना करते हैं. सोलापुर जिले के पंढरपुर शहर में स्थित यह मंदिर पुणे शहर से करीब 200 किलोमीटर और मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर है. मंदिर में पूजा अर्चना के दौरान मुख्यमंत्री के सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे और उनका परिवार भी मौजूद था. बीड जिले के 52 वर्षीय किसान मुरली नवले और उनकी पत्नी जीजाबाई नवले ने भी मुख्यमंत्री और उनके परिवार के साथ पारंपरिक पूजा की. पंढरपुर वारी तीर्थयात्रा में नवले किसान परिवार 1987 से भाग ले रहा है.
मुख्यमंत्री ने पूजा-अर्चना के बाद मंदिर परिसर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे. शिंदे ने कहा, ‘‘भगवान विट्ठल के आशीर्वाद से लोगों के सभी दुख और कष्ट दूर हो जाएंगे क्योंकि यह सरकार आम आदमी की है. किसान हों, मजदूर हों, समाज के सभी वर्गों के लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि यह सरकार उनकी है. हम अपने काम के जरिए ऐसी भावना पैदा करने की कोशिश करेंगे.’’