मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के फैसले से राज्य के खजाने पर सालाना 2 करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा।
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महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि विभिन्न सरकारी कॉलेजों के 931 ग्रेजुएशन और 228 पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों ने अपने माता-पिता दोनों को COVID-19 महामारी के दौरान खो दिया है। जिन छात्रों ने अपने माता-पिता को खो दिया है सरकार उनके पूरे कोर्स की फीस का भुगतान करेगी। चंद्रकांत पाटिल ने इस वर्ष भी पूर्ण फीस माफी के प्रावधान को सख्ती से लागू करने की बात कहते हुए कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालयों और सहायता प्राप्त कॉलेजों पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि जिन छात्रों ने अपने माता-पिता को खो दिया है ऐसे छात्रों की शिक्षा को कोई नुकसान न पहुंचे और उनका कोर्स पूरा हो सके।
सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, ‘सरकार ने कोरोना के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले छात्रों की शिक्षा पूरी होने तक पूरी फीस माफ करने का फैसला किया था ताकि उनकी ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा अधूरी न रहे या फिर ये सभी छात्र शिक्षा से वंचित न रहें।’ नीचे चंद्रकांत पाटिल द्वारा किया गया द्वीट दिया गया है।