अगस्त में महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी कर्मचारियों को फोन कॉल पर वंदे मातरम बोलने को कहा था। इसके कुछ दिन बाद ही वन विभाग ने अपने कर्मियों को सरकारी कामकाज से संबंधित फोन आने पर वंदे मातरम बोलकर जवाब देने का आदेश दिया।
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मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने ‘वंदे मातरम’ को सभी सरकारी अधिकारियों के लैंडलाइन और मोबाइल फोन पर ‘हैलो’ के बजाय एक प्रारंभिक क्रिया के रूप में उपयोग करने के लिए जीआर (सरकारी आदेश) जारी किया। महाराष्ट्र में यह नियम 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के मौके पर रविवार से लागू होगा। इससे पहले अगस्त में महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी कर्मचारियों को फोन कॉल पर वंदे मातरम बोलने को कहा था। इसके कुछ दिन बाद ही वन विभाग ने अपने कर्मियों को सरकारी कामकाज से संबंधित फोन आने पर वंदे मातरम बोलकर जवाब देने का आदेश दिया।
तब मुनगंटीवार ने कहा था, ‘हम आजादी के 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। हम (आज़ादी का) अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसलिए मैं चाहता हूं कि अधिकारी फोन उठाने पर ‘हैलो’ के बजाय ‘वंदे मातरम’ कहें।’
संस्कृति मंत्री ने रखी थी बात
रविवार को विभागों का बंटवारा होने के बाद महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अब से महाराष्ट्र में सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारी और कर्मचारी फोन पर अपनी बात की शुरुआत वंदे मातरम से करेंगे। हैलो के बजाय वंदे मतरम कहना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि जल्द इस सिलसिले में आधिकारिक आदेश भी निकाला जाएगा।
‘विदेशी शब्द का त्याग जरूरी’
मुनगंटीवार ने कहा कि हेलो एक विदेशी शब्द है। ऐसे में इसका त्याग करना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वंदे मातरम सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि हर भारतीय की भावना है। ऐसे में इसे बोलने पर किसी तरह का परहेज नहीं होना चाहिए।