Mahashivratri Rudrabhishek Vidhi: महाशिवरात्रि के मौके पर रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है। वैसे को रुद्राभिषेक कभी भी आप कर सकते हैं। लेकिन, शिवरात्रि के मौके पर किया गया रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं रुद्राभिषेक का महत्व और रुद्राभिषेक कैसा किया जाता है।
अपना यह राशिफल हर दिन ईमेल पर पाने के लिए क्लिक करें – सब्सक्राइब करेंक्लिक करेमहाशिवरात्रि को लेकर शिव भक्तों में बहुत ही उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन सभी शिव भक्त माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना करते हैं। दरअसल, इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह संपन्न हुआ था। कहा जाता है कि इस दिन किया गया रुद्राभिषेक भी बहुत ही उत्तम फल देता है। इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही उत्तम संयोग बन रहा है। दरअसल, इस बार महाशिवरात्रि के मौके पर तीन राशियों में 6 ग्रह विराजमान रहने वाले हैं। ऐसे में इस दिन किया गया रुद्राभिषेक आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेगा। आइए जानते हैं रुद्राभिषेक का महत्व और विधि।
रुद्राभिषेक का महत्व
ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को रोग, दोष और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसलिए भगवान शिव के रुद्राभिषेक करने की परंपरा है। कहा जाता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी समस्याओं को दूर करते हैं।
महाशिवरात्रि 2023 रुद्राभिषेक कैसे करें
- सबसे पहले शिवलिंग स्थापित करें। इसके लिए अपने घर में किसी साफ थाली में शिवलिंग को विराजमान कराएं।
- इसके बाद शिवलिंग के दाहिनी तरफ घी का दीपक जलाकर रख दें। इसके बाद एक थाली में पुष्प, अगरबत्तियां, घी, दही, शहद, ताजा दूध, पंचामृत, गुलाब जल, मिठाई, गंगाजल, कपूर, सुपारी, बेल पत्र, लौंग, और इलायची रख दें।
- ऊपर बताई गई पूजा सामग्री को एक थाली में सजाकर पूर्व दिशा की तरफ आसन लगाकर बैठ जाएं।
- रुद्राभिषेक करने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों को ही स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद ओम नम: शिवाय का जप करते हुए पहले बेल पत्र चढ़ाएं, दीपक और पुष्प उन्हें अर्पित करें।
- इसके बाद ओम नम: शिवाय का जप करते हुए रुद्राभिषेक की शुरुआत करें। इसके बाद शिवलिंग पर पंचामृत डालें। इसके बाद चंदन और जल चढ़ाएं। फूल, कच्चा दूध और उसके बाद गंगाजल या जल चढ़ाएं। इसके बाद शिवलिंग को साफ कर लें।
- इसके बाद शिवलिंग पर वस्त्र, जनेऊ और दाहिनी अंगुली से चंदन लगाएं। इसके बाद धूप जलाएं और भस्म, बेल पत्र, दूर्वा और फूल बरसाएं।
- आप चाहें तो रुद्राभिषेक करते समय ओम वनम: शिवाय के साथ साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।