नई दिल्ली. दो सौ करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की एक और याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. महाठग ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर कर कहा कि वह पैरों का क्रॉस बनाकर ज्यादा समय तक खड़ा नहीं रह सकता है, ऐसे में परिजनों से मुलाकात के दौरान बैठने के लिए उन्हें कुर्सी या टूल दी जाए. सुकेश चंद्रशेखर ने इसके पक्ष में कोर्ट में मेडिकल डॉक्यूमेंट भी पेश किए. दूसरी तरफ, लोक अभियोजक ने जेल का सीसीटीवी फुटेज कोर्ट के सामने रखा, जिसमें सुकेश को पैरों का क्रॉस बनाकर अन्य काम के साथ टीवी देखते हुए देखा जा सकता है. कोर्ट ने सुकेश की याचिका खारिज कर दी.
सुकेश चंद्रशेखर की ओर से अधिवक्ता मयंक त्रिपाठी अदालत में पेश हुए. मयंक त्रिपाठी ने विशेष जज संजीव कुमार मल्होत्रा की अदालत के समक्ष याचिका दायर कर कहा कि परिजनों से मुलाकात के दौरान सुकेश को बैठने के लिए स्टूल या फिर कुर्सी देने केा लेकर जेल अधीक्षक को निर्देश दिया जाए. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट ने उन्हें क्रॉस लेग के साथ न बैठने की सलाह दी है. मयंक त्रिपाठी ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि सुकेश चंद्रशेखर की मेडिकल रिपोर्ट में संबंधित डॉक्टर ने उन्हें आगे की ओर न झुकने की सलाह दी है. सुकेश के वकील ने कहा कि इसके बावजूद जेल अधिकारी परिजनों से मुलाकात के दौरान उनके मुवक्किल को क्रॉस लेग ही बैठने के लिए मजबूर कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टरों ने इस बात का उल्लेख किया है कि याची फर्श पर वज्रासन/सुखासन मुद्रा में बैठ सकते हैं. कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद सुकेश चंद्रशेखर की याचिका खारिज कर दी. इससे पहले हाई प्रोफाइल लोगों से ठगी करने के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया था. कोर्ट ने महाठग सुकेश की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने दिल्ली की मंडोली जेल से किसी दूसरे जेल में शिफ्ट करने की गुहार लगाई थी. शीर्ष अदालत ने 23 अगस्त को सुकेश को तिहाड़ जेल से दिल्ली की मंडोली जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था. उसने कहा था कि उसे तिहाड़ में जान का खतरा है. वहीं एक बार फिर से महाठग सुकेश ने मंडोली जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट किए जाने की गुहार लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया.