श्वेता तिवारी ने नए टीवी शो ‘मैं हूं अपराजिता’ से दो साल बाद टीवी पर कमबैक किया है। श्वेता तिवारी इसमें सिंगल मदर के रोल में हैं, जिस पर तीन बेटियों और सास की जिम्मेदारी है। ‘मैं हूं अपराजिता’ का पहला एपिसोड कैसा है, पढ़ें:
श्वेता तिवारी ने जब 21 साल पहले ‘कसौटी जिंदगी की’ प्रेरणा बनकर टीवी की दुनिया में कदम रखे थे तो उन्होंने तहलका मचा दिया था। प्रेरणा के किरदार ने श्वेता तिवारी को घर-घर मशहूर कर दिया था। श्वेता तिवारी ने बाद में कई और टीवी सीरियलों में काम और अलग-अलग किरदार निभाए, पर प्रेरणा का किरदार उनसे हमेशा के लिए जुड़ गया। टीवी शो ‘मेरे डैड की दुलहन’ में भी श्वेता तिवारी को खूब पसंद किया गया। अब श्वेता तिवारी ने ‘अपराजिता’ बनकर डेली सोप की दुनिया में दो साल बाद वापसी की है। श्वेता तिवारी का नया टीवी शो ‘मैं हूं अपराजिता’ हाल ही शुरू हुआ है। इसमें श्वेता तिवारी लीड रोल में हैं। हाल ही इसका पहला एपिसोड टेलिकास्ट किया गया। कहानी क्या है और इसे कैसा रिस्पॉन्स मिला है, आइए बताते हैं।
‘मैं हूं अपराजिता’ के पहले एपिसोड की कहानी
Shweta Tiwari अपराजिता के रोल में छा गई हैं और वह एक बार फिर टीवी पर राज करने के लिए तैयार हैं। Main Hoon Aparajita के पहले एसिपोड में क्या दिखाया गया, पहले वह जान लेते हैं। श्वेता तिवारी यानी अपराजिता आशा लॉन्डरी नाम की कंपनी की मालकिन है। वह एक कस्टमर से उसके कपड़ों का ऑर्डर लेती है। लेकिन कस्टमर को उसी दिन कपड़े वापस चाहिए, जिस दिन शादी है। अपराजिता कस्टमर से वादा करती है कि वह कपड़े दे देगी और फिर अपनी तीन बेटियों-छवि, आशा और दिशा के बारे में बताती है, जो काम में उसका हाथ बटाती हैं।
सिंगल मदर, तीन बेटियों की परवरिश
वहीं दूसरी ओर अपराजिता की तीनों बेटियों स्कूल जाने के लिए तैयार हो रही हैं और बेचैन हैं क्योंकि उनका रिजल्ट आने वाला है। तीनों की अलग-अलग पर्सनैलिटी है। छवि एक ही क्लास में कई बार फेल हो चुकी है और बहुत ही दब्बू सी है, वहीं दिशा और आशा आत्मविश्वास से भरी हैं। उनकी दादी भी साथ में रहती है। दादी और तीनों पोतियां आपस में बहुत करीब हैं। बीच-बीच में फ्लैशबैक और बातचीत में बताया जाता है कि किस तरह अपराजिता के पति (मानव गोहिल) ने उसे दूसरी औरत के लिए छोड़ दिया। इस वजह से परिवार को लोगों के और समाज के ताने सुनने पड़ते हैं।
निडर हैं मां और बेटियां
लेकिन अपराजिता डटकर सबका सामना करती है। उन लोगों से वह लड़ जाती है जो उसकी बेटियों और परिवार पर उंगली उठाते हैं। पड़ोसी पप्पी जब छवि के एग्जाम में फेल होने पर उसे ताना मारता है और पति द्वारा छोड़े जाने पर अपराजिता को भी टारगेट करता है तो वह भड़क जाती है। वह पप्पी को खूब सुनाती है। दूसरी ओर छवि उन आदमियों को बुरी तरह पीटती है जो छवि को परेशान करते हैं। दिशा और छवि जब शादी वाले घर में ऑर्डर के कपड़े देने जाती हैं तो वहां कुछ लोग उन्हें उनकी मां की असफल शादी के लिए ताना मारते हैं और मजाक उड़ाते हैं। इस पर दिशा उन आदमियों को पकड़कर कूटती है।