इस समय यूपी की राजनीति के केंद्र में तीन लोग हैं। ये हैं सपा प्रमुख की पत्नी डिंपल यादव, अखिलेश के भाई और मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ। इन तीनों में आपस में कुछ समानताएं हैं और कुछ विरोधाभास भी। आइए देखते हैं तस्वीरों में:
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का एक फैसला आजकल चर्चा का विषय बना है। अपने पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उन्होंने डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले यहां डिंपल से ज्यादा तेज प्रताप यादव के नाम की चर्चा थी लेकिन इस फैसले से यह राजनीतिक मुकाबला दिलचस्प हो गया है। अब अटकलें हैं कि यादव परिवार में मौजूद खाई को और गहरा करने के लिए बीजेपी डिंपल के खिलाफ मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैनपुरी से टिकट दे सकती है। इस चुनावी संग्राम में अपर्णा के पक्ष में प्रचार करने सीएम योगी आदित्यनाथ भी जाएंगे, ऐसा अनुमान है।
तीनों एक ही राज्य के, तीनों क्षत्रिय
लेकिन इसके अलावा भी तीनों में एक कनेक्शन है। तीनों में कुछ बातों की समानता है। पहली यह कि तीनों ही मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ का संन्यास लेने से पहले का नाम था अजय सिंह बिष्ट। डिंपल यादव का अखिलेश यादव से शादी होने से पहले नाम था डिंपल रावत, वहीं अपर्णा यादव तो आज भी अपना नाम अपर्णा बिष्ट यादव लिखती हैं। ये इनमें एक समानता और यह है कि तीनों ही उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के रहने वाले हैं। इतना ही नहीं ये तीनों ही क्षत्रिय वर्ग से हैं।
योगी के ज्यादा नजदीक है डिंपल का गांव
अपर्णा यादव गढ़वाल के उत्तरकाशी की मूलनिवासी हैं। उनका गांव सीएम योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचूर से 229 किमी दूर है। इस मामले में डिंपल यादव का गांव सीएम योगी के ज्यादा नजदीक है। डिंपल का परिवार पौड़ी गढ़वाल के किलबउखाल गांव से है। यह गांव योगी आदित्यनाथ के पंचूर गांव से 56 किमी की दूरी पर है।
अपर्णा ने बीजेपी पर लगाया दांव
यादव परिवार और यूपी की राजनीति में अस्तित्व और पहचान की लड़ाई में मुलायम सिंह के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने सोचसमझ कर बीजेपी से नजदीकियां बढ़ाईं। साल 2017 में जब अखिलेश को हटाकर बीजेपी सत्ता में आई और योगी आदित्यनाथ सीएम बने तो अपर्णा यादव ने उन्हें अपनी गोशाला में आने का न्योता दिया। सीएम योगी का गोप्रेम जग जाहिर है। इसके बाद योगी 31 मार्च 2017 को वह लखनऊ के कानपुर रोड स्थित कान्हा उपवन गोशाला पहुंचे। यह गोशाला अपर्णा का एनजीओ चलाता है।
मुलायम की बहू पहुंची बीजेपी में
बहुत सोचने समझने के बाद अपर्णा यादव ने जनवरी 2022 में बीजेपी जॉइन कर ली। मुलायम परिवार का सदस्य वैचारिक रूप से धुर विपरीत पार्टी में शामिल हो गया। इस घटना ने यूपी की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू कर दिया। लोग अनुमान लगाने लगे कि शायद 2022 के विधानसभा चुनाव में अपर्णा को बीजेपी टिकट दे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
जेठानी बनाम देवरानी का दंगल!
अब जबकि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी में उप चुनाव होना है और सपा ने डिंपल यादव को टिकट दिया है, अपर्णा यादव के लिए फिर से उम्मीदें जागी हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी अपर्णा यादव को डिंपल के खिलाफ टिकट दे सकती है। इस तरह अब मैनपुरी में जेठानी बनाम देवरानी का चुनावी दंगल रोचक हो गया है।
यादव परिवार में फूट का लाभ उठाएगी बीजेपी
जनता का भी कहना है कि वह इन दोनों को आमने-सामने देखना चाहेगी। अभी तक तो सपा की ओर से अपर्णा को बीजेपी की ओर से टिकट मिलने की बात को मीडिया की ‘मनगढ़ंत’ कहानी कहा जा रहा है। लेकिन अगर बीजेपी यादव परिवार के बीच फूट का फायदा उठाने की ठान ले तो यह संभव भी हो सकता है।