मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक का वो गोल जिसने भारत को हॉकी का वर्ल्ड कप जिता दिया

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भारत ने हॉकी में अब तक केवल एक ही वर्ल्ड कप जीता है. वो था, 1975 का मलेशिया विश्व कप. इस जीत के लिए भारतीय हॉकी टीम ने 15 मार्च 1975 की तारीख में जो शानदार खेल दिखाया, वह हॉकी के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में हमेशा के लिए लिख उठा. इस ऐतिहासिक जीत ने हमारे देश में नई जान फूंक दी थी.

पहला हॉकी विश्व कप साल 1971 में खेला गया. इस गेम की मेजबानी पाकिस्तान को करनी थी, मगर स्पेन ने की. जब इसे शुरू किया गया तब पहली दो प्रतियोगिता दो वर्षों के अंतराल में हुई थी. हालांकि, बाद में इसे बढ़ाकर चार वर्ष कर दिया गया.

Indian Hockey Team 1975The Hindu

1971 में हुए पहले विश्व कप में भारतीय टीम तीसरे स्थान पर रही थी और उसे ब्रांज मेडल से संतोष करना पड़ा था. इसके बाद अगला विश्व कप 1973 में नीदरलैंड में खेला गया. जिसमें भारत ने फाइनल खेला, मगर नीदरलैंड के हाथों मिली हार के बाद उसका विश्व कप जीतने का सपना भी टूट गया.

काफी ऊठा-पटक के बाद विश्व कप खेलने गई टीम

साल 1975 में हॉकी विश्व कप की मेजबानी एशियाई देश मलेशिया को मिली. भारतवासियों को इस बार भारतीय टीम से बहुत उम्मीदें थीं. लेकिन, फेडरेशन की आपस के मतभेद ने टीम को चिंता में डाल दिया. हालांकि पंजाब यूनिवर्सिटी के कैंप में भारतीय टीम ने जमकर मेहनत की. खूब पसीना बहाया.

Indian Hockey Team 1975 Babir Singh

बहरहाल, इंडियन हॉकी फेडरेशन और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के बीच काफी उठापटक के बाद भारतीय टीम पूर्व दिग्गज खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर कोच के साथ मलेशिया रवाना हुई. भारतीय खिलाड़ियों में स्टार खिलाड़ी रहे मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार भी शामिल थे.

ग्रुप राउंड में भारत ने दिखाया अपना दमखम

1975 के वर्ल्ड कप भारतीय टीम पूल बी का हिस्सा था. जिसमें इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, घाना, वेस्ट जर्मनी को भी रखा गया था. भारत ने अपने पहले मुकाबले में इग्लैंड को 2-1 से हराया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच 1-1 से बराबरी पर रहा. अपने तीसरे मुकाबले में भारत ने घाना को बुरी तरह शिकस्त दिया और 7-0 से जीत हासिल की.

1975 Hockey World CupDawn

अगले मैच में भारत को अर्जेंटीना से 1-2 से हार मिली, जो इस विश्व कप की पहली और आखिरी हार थी. इसके बाद इंडिया ने मजबूत जर्मनी को 3-1 से हराया. पूल बी से भारत के साथ वेस्ट जर्मनी सेमीफाइनल पहुंची. पूल ए से पाकिस्तान के साथ मेजबान मलेशिया ने सेमीफाइनल में जगह बनाई.

आखिरी समय में कोच बलबीर का दांव हुआ कामयाब

सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला मलेशिया से हुआ. शुरुआत में भारत इस मुकाबले में पिछड़ रही थी. मेजबान मलेशिया 2-1 से आगे थी.

Babir SIngh Babir SIngh

लेकिन मुकाबले के अंतिम समय में कोच बलबीर सिंह ने असलम शेख खान को सब्सिट्यूट को मैदान पर भेजा, उनका यह दांव कामयाब रहा. असलम ने जाते ही मैदान पर पेनल्टी कॉर्नर में गोल करते हुए मैच का पासा ही पलट दिया. अब दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थी. मैच में एक्स्ट्रा टाइम मिला. तब भारत की तरफ से हरचरण सिंह ने गोल करके टीम को फाइनल का टिकट दिला दिया.

फिर अशोक कुमार के गोल ने इतिहास रच दिया

एक तरफ मलेशिया को हराकर भारत फाइनल पहुंच गई थी. दूसरी तरफ पाकिस्तान ने वेस्ट जर्मनी को हराकर फाइनल पहुंची थी.

Ashok KumarBridge

फिर 15 मार्च 1975 को तीसरे हॉकी वर्ल्ड कप फाइनल में दुनिया की निगाहें अगले चैंपियन की तरफ टिकी हुई थीं. मैच शुरू हुआ. पाकिस्तान के मुहम्मद जाहिद शेख ने 17वें मिनट में ही पहला गोल करके टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया. पहले हाफ में पाकिस्तान 1.0 से बढ़त बनाए हुए थी. लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने हिम्मत नहीं हारी. मुकाबले के 44वें मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर मिला. भारत के सुरजीत सिंह ने गोल करके स्कोर 1-1 की बराबरी पर ला दिया. जिसके बाद भारतीय खिलाड़ियों में नया जोश आ गया था.

1975 World Cup 2023TOI

भारत को एक और गोल की तलाश थी. मैच अपने अंतिम समय पर पहुंच गया था. दोनों टीमें शानदार खेल रही थीं. मैच के 51वें मिनट पर मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार ने गोल कर भारत को 2-1 से आगे कर दिया. हालांकि इस गोल को लेकर विवाद भी हुआ. गेंद पोस्ट पर लगकर बाहर आ गई थी. पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं थी, लेकिन रेफरी ने इसे गोल दे दिया था. फिर पाकिस्तान इस अंतर को खत्म नहीं कर पाई. भारत ने अंत में बढ़िया डिफेंड किया और यह मुकाबला जीतकर इतिहास रच दिया.