भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर जनरल गगनदीप बक्शी आजक कसौली की वादियों में घूमने पहुंचे हैं। वह पूर्व सैन्य अधिकारी ही नहीं, बल्कि एक लेखक भी हैं। उनका कहना है कि वह पिछले एक दशक से भी अधिक समय से कसौली में घूमने आते रहते हैं। कसौली के समीप जगजीतनगर में मलोड राज घराने के वंशज कैप्टन सुदर्शन कंवर के पुत्र से उनकी बेटी की शादी हुई है, जिस कारण उनका आना-जाना यहां लगा ही रहता है। उन्होंने माना कि कसौली से उनका आत्मा का रिश्ता बन गया है। ज्ञात रहे कि जीडी बक्शी जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स में थे। उन्हें कारगिल युद्ध में अपनी बटालियन का नेतृत्व करने के लिए विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया है। सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने अपनी एक विशेष पहचान कायम रखी है। वह समय-समय पर अनेकों टीवी चैनल्स पर देश-विदेश की सुरक्षा संबंधि चर्चाओं में भाग लेते दिखाई देते हैं। उनकी आवाज उनके व्यक्तित्व को एक अलग पहचान देती है।
उनके कसौली पहुंचने की खबर सुनते ही लोग उनसे मिलने के लिए उत्सुक दिखाई दिए और जीडी बक्शी ने भी किसी को निराश नहीं किया और सभी से एक आम आदमी की तरह मिलते और सभी के साथ फ़ोटो खिंचवाई। यूक्रेन और रूस के युद्ध के बारे पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि अमरीका और नाटो ने यूक्रेन को युद्ध के लिए उकसाया है और अब जब यूक्रेन सर्वनाश की दहलीज पर खड़ा है, तो अमरीका तमाशा देख रहा है। अमरीका ने वादा किया था कि वह हर हाल में यूक्रेन का साथ देगा, परन्तु युद्ध छिड़ जाने पर केवल हथियार सप्लाई कर अपना पल्लू झाडऩा ठीक नहीं है। यदि समय रहते यह युद्ध नहीं थमा, तो परमाणु युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। (एचडीएम)