Major Mustafa Bohra Last Rites: उदयपुर के रहने वाले मेजय मुस्तफा बोहरा को अंतिम विदाई दी गई है। वह अरुणाचल प्रदेश में हेलिकॉप्टर हादसे के शिकार हो गए थे। उनकी शादी कुछ महीने बाद ही होने वाली थी।
उदयपुर: अरुणाचल में शहीद हुए उदयपुर के पायलट मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन बोहरा (Major Mustafa Bohra) को सैन्य सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक खाक किया गया। आर्मी के जवानों ने तीन राउंड फायर कर शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद शहीद मुस्तफा के पिता को तिरंगा सौंपा गया। इससे पहले मेजर मुस्तफा के पार्थिव दे हके डबोक एयरपोर्ट पर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। शहीद के शरीर को सेना के ट्रक में लाया गया। मां ने अंतिम बार अपने बेटे के चेहरे को देखा तो ताबूत से लिपट गईं। उधर, नीचे खड़ी मंगेतर इतनी बेसुध हो गई कि मुंह से आवाज भी नहीं निकल पाई। इशारों में सेना के जवानों से बस एक बार देख लेने की गुजारिश करती रहीं। इसके बाद वह मां से लिपटकर रोने लगी।
वहीं, शहीद मुस्तफा को उदयपुर के खांजीपीर कब्रिस्तान में सैन्य सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया। पिता और परिजनों को सैन्य अधिकारियों ने तिरंगा सौंपा तो वे फफक पड़े। मेजर मुस्तफा को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। हजारों शहरवासियों ने नम आंखो से शहीद मेजर मुस्तफा को विदाई दी। इस मौके पर सभी ने कहा कि मेजर मुस्तफा को हमेशा याद किया जाएगा।
अरूणाचल प्रदेश में हुआ हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त
अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग हेडक्वार्टर से 25 किमी दूर उनका एडवांस्ड लाइट आर्मी हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए थे। मेजर मुस्तफा मूल रूप से उदयपुर के वल्लभनगर तहसील में खेरोदा गांव के रहने वाले हैं। हालांकि परिवार शहर में हाथीपोल चौराहा के पास रहता है।
शहीद की बहन ने कहा- मुझे मेरे भाई से मिला दो
शहीद मुस्तफा को सुपुर्द-ए-खाक करने से पहले छोटी बहन अल्फिया अपने भाई की तस्वीर लिए नजर आई। वह सैन्य अधिकारियों से एक ही बात कह रही थी, मुझे मेरे भाई से मिला दो। शहीद की छोटी बहन अल्फिला ने भाई की तस्वीर को सीने से लगा रखा था। वह लगातार रो रही थी और आर्मी के जवानों से कह रही थी, मुझे मेरे भाई से मिला दो।