उपायुक्त सोलन कृतिका कुल्हारी ने कहा कि जल संरक्षण सभी का सामूहिक उत्तरदायित्व है तथा इस दिशा में विभागों के सार्थक प्रयास आवश्यक हैं। कृतिका कुल्हारी गत सांय जल शक्ति अभियान-‘कैच दी रेन’ के अन्तर्गत विभिन्न विभागों की जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थीं।
कृतिका कुल्हारी ने कहा कि जल जीवन के लिए नितांत आवश्यक है और जल का संरक्षण वर्तमान समय की मांग है। उन्होंने कहा कि जल की एक-एक बून्द को बचाकर और जल का सदुपयोग कर ही हम भावी पीढ़ी को उपयोग के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध करवा पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकारी एवं प्रशासनिक प्रयत्नों के साथ-साथ आमजन की भागीदारी आवश्यक है।
उपायुक्त ने कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियांे को निर्देश दिए कि जिला में पारम्परिक एवं अन्य जल स्त्रोतों की जीआईएस मेपिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जीआईएस मैपिंग से जहां पारम्परिक एवं अन्य जल स्त्रोतों के वास्तविक उद्गम जल स्थल की जानकारी मिलेगी वहीं इनके संरक्षण में सहायता मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि इस कार्य में नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवियों का सहयोग लिया जाए।
उन्होंने कहा कि वर्षा जल संग्रहण के लिए सभी सरकारी भवनों, पंचायत घरों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, विद्यालयों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित अन्य सरकारी भवनों के समीप जल सरंक्षण टैंक निर्मित किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने भवनों के प्रांगण में भूमि की उपलब्धता एवं भवन की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जल संरक्षण पिट बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी प्रदेश में प्रचूर मात्रा में वर्षा जल उपलब्ध है और इसका संरक्षण प्रदेश को भविष्य के जल संकट से निजात दिला सकता है।
उपायुक्त ने वन विभाग के अधिकारियों के निर्देश दिए कि जिला के भू-कटाव सम्भावित क्षेत्रों एवं नदी-नालों के समीप अधिक से अधिक पौध रोपण सुनिश्चित करें ताकि कृषि योग्य भूमि के कटाव को रोकने के साथ-साथ जल संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
कृतिका कुल्हारी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए प्रभावी वैज्ञानिक योजना बनाई जानी आवश्यक है। इसके लिए जल संरक्षण की नवीनतम तकनीक के साथ-साथ इस क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तियों से जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में गुणवत्ता नियंत्रण मानकों का ध्यान रखा जाना भी आवश्यक है।
बैठक में जिला में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इस अभियान के अंतर्गत अधिक कार्य करने और पारंपारिक जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन पर चर्चा की गई। उन्होंने जल शक्ति विभाग, राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग की कार्यकारी समिति गठित करने और अन्य विभागों को इस समिति की देखरेख में कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने नेहरू युवा केंद्र के साथ-साथ महिला एवं युवक मण्डलों के सदस्यों सहित विभिन्न गैर सरकारी संगठनों को इस कार्य के साथ जोड़ने के निर्देश दिए।
कृतिका कुल्हारी ने कहा कि वर्षा जल संग्रहण एवं जल संरक्षण के लिए आमजन को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि श्रमदान के माध्यम से जिला में बेहतर जल संरक्षण संरचनाएं तैयार की जा सकती हैं।
इस अवसर पर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी राजकुमार, जिला राजस्व अधिकारी केशव राम, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियन्ता बी.बी गोयल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
2021-07-17