मलेशिया (Malaysia) ने भारत का दिल तोड़ दिया है। उसने हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बने लाइट कॉम्बेट जेट तेजस (LCA Tejas) की जगह दक्षिण कोरिया (South Korea) के FA-50 जेट को प्राथमिकता दी है। तेजस के लिए मलेशिया की तरफ से होने वाली डील को रक्षा विशेषज्ञों ने अहम सौदा करार दिया था।
कुआलालंपुर: मलेशिया ने भारत में बने लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस को नकार दिया है। इसकी जगह अब वह दक्षिण कोरिया के एफ-50 जेट खरीदेगा। मलेशिया की वायुसेना ने 18 तेजस खरीदने के लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को प्रस्ताव दिया था। लेकिन इसमें बाजी मार ली है कोरिया एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (KAI) ने और अब एफ-50 मलेशियाई वायुसेना में शामिल होगा। वैसे कॉम्पटीशन में पाकिस्तान का जेएफ-17, रूस का मिग-35 और याक-130 और तुर्की का हुरजेट शामिल था। ये सभी एयरक्राफ्ट कई और वजहों से रेस से बाहर हो गए हैं।
क्या कहा साउथ कोरिया
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की तरफ से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मलेशिया और दक्षिण कोरिया के बीच समझौता अपने निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया था कि एक सीनियर केएआई अधिकारी ने बताया है कि मलेशिया एफ-50 और तेजस में से किसी एक को सेलेक्ट कर सकता है। इस अधिकारी ने कहा था कि मलेशिया, उनके साथ वार्ता कर रहा है। दोनों देश रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग में यकीन रखते हैं। उन्होंने इस डील को आपसी भरोसे और एक रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक बताया।
नए जेट में क्या-क्या
जो ताजा रिपोर्ट्स आई हैं उनमें कहा गया है कि यह तेजस के लिए बड़ा झटका है क्योंकि इसे इस करार में टॉप पर बताया जा रहा था। रिपार्ट्स की मानें तो भारत ने मलेशिया को एक पैकेज डील की पेशकश की थी। भारत की तरफ से कहा गया था वह मलेशिया में सुखोई-30 फाइटर जेट के लिए एक एमआरओ फैसिलिटी लगाएगा। माना जा रहा है कि केएआई एफए-50 जेट को लोकलाइज्ड एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे यानी AESA से लैस करना चाहती है। इसके अलावा इसमें रडार और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल भी होंगी जो एक बार में कई टारगेट्स को ध्वस्त कर सकेंगी।
क्या है एक जेट की कीमत
एफए-50 जेट को कॉम्बेट डाटा प्रोसेसिंग, सेल्फ प्रोटेक्शन सिस्टम और गाइडेड हथियारों से भी लैस किया जाएगा। साउथ कोरिया की वायुसेना साल 2013 से इसका प्रयोग कर रही है। अभी तक हालांकि डील को अनिश्चितता बरकरार है। मलेशिया के रक्षा मंत्रालय की तरफ से 3.5 अरब मलेशियाई रिंगिट के साथ इस जेट को बेचने की पेशकश की गई है। केएआई की तरफ से 4.3 अरब रिंगिट कीमत तय की गई है। तेजस की एक यूनिट की कीमत 28 मिलियन डॉलर और एफए-50 की एक यूनिट की कीमत करीब 30 मिलियन डॉलर बताई जा रही है।
तेजस का इतिहास
वर्ष 1969 में भारत सरकार ने प्रस्ताव रखा था कि एचएएल को एक भारत के एक और एयरक्राफ्ट मारुत की तर्ज पर एयरक्राफ्ट डिजाइन और डेवलप करना चाहिए। वर्ष 1983 में इंडियन एयरफोर्स दो अहम मकसदों के लिए भारत में विकसित कॉम्बेट जेट की जरूरत के बारे में चिंता जताई। इसमें पहला मकसद मिग-21 को रिप्लेस करना था। इसके बाद वर्ष 1984 में सरकार ने एडीए एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही इसे ‘तेजस’ नाम दिया। तेजस का मतलब होता है चमकदार।