मंडी, 03 सितंबर : कहते हैं जिंदगी बहुत बार आपको नीचे गिराती है, जिंदगी आपका टैस्ट लेती है। आप जिंदगी के टैस्ट में फेल हो गए, नीचे गिर के मायूस हो गए तो आप अपने हालातों से समझौता कर जिंदगी बिताएंगे, लेकिन अगर आपने ठान ली की जिंदगी ने मुझे जितनी ज़ोर से गिराया है, मैं उतने ही ज़ोर से फिर उठूंगा तो ऐसे लोग होते हैं असली हीरो।
कुछ ऐसी ही कहानी है मंडी जिला के बल्ह के ख्यूरी गांव के रहने वाले सन्नी की। सन्नी ठाकुर एक स्पोर्ट्स पर्सन थे, प्रशिक्षण लेते थे, ऐसे ही एक प्रशिक्षण के दौरान दुर्घटनावश स्पाइन इंजरी (Spinal Cord Injury) हो गई और सन्नी के 75 प्रतिशत शरीर ने काम करना बंद कर दिया था। ज्यादातर लोग ऐसी परिस्थितियों में निराश होकर बैठ जाते हैं। लेकिन सन्नी ने हौसला नहीं हारा।
उन्होंने एक स्पेशल कार (special car) बनवाई जो हाथों से ही ऑपरेट होती है। जिसके बाद सन्नी ठाकुर निकल पड़े अपनी जिंदगी की एक नई कहानी शुरू करने। लेह (Leh) से कन्याकुमारी (kanya kumari) यात्रा से पहले इसी साल अप्रैल महीने में सन्नी ने मंडी से लेह और फिर वापिस मंडी लगभग 2546 किलोमीटर की यात्रा कार ड्राइव करके रिकार्ड बनाया था।
सन्नी ने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड (India book of records) और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड (asia book of records) में अपना नाम दर्ज कर मंडी जिला का नाम रोशन किया। इस बार 29 अगस्त को सन्नी लेह से कन्याकुमारी के लिए निकले और बीते रोज़ यानी 2 सितंबर शाम को कन्याकुमारी पहुंच गए।
कन्याकुमारी से सन्नी ने एक वीडियो संदेश (video message) में कहा कि उनका इस प्रकार के रिकार्ड बनाने का मुख्य लक्ष्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पैरा स्पोर्टस (Parasports) को बढ़ावा देना और अपने प्रदेश को प्लास्टिक फ्री बनाना है। सन्नी ठाकुर के पिता सूरज सिंह ने बताया कि सन्नी का सपना आज पूरा हुआ है, जिससे परिवार के साथ मंडी जिला और प्रदेश का नाम भी रोशन हुआ है।
उन्होंने कहा कि उन्हें सन्नी पर गर्व है कि उसने 75 प्रतिशत विकलांग होते हुए भी इतने कठिन रिकार्ड को बनाया है। सूरज सिंह ने उनका इस कार्य में सहयोग देने वाले सभी का आभार जताया।