अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में जिला प्रशासन देवी-देवताओं के आतिथ्य सत्कार को लेकर कटघरे में खड़ा हो गया है। मंडी से लगभग 400 किलोमीटर दूर जिला शिमला के डोडरा-क्वार से पैदल मंडी मुख्यालय पहुंचे काली चामुंडा के देवलुओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
हैरानी की बात यह है कि काली चामुंडा का मूल स्थान शिमला जिला में होने के कारण इन्हें शिवरात्रि महोत्सव में प्रशासन द्वारा पंजीकृत भी नहीं किया जा रहा है। इस कारण देवरथ का मंडी पहुंचने पर राजदेवता माधोराय के हाजिरी भरते समय प्रशासन द्वारा झगड़ा करने को तैयार हो गया।
करोड़ों का बजट होने के बावजूद भी देवलूओं को खाने तक को एक समय का भोजन तक प्रशासन द्वारा मुहैया नहीं करवाया गया। मूल स्थान डोडरा-क्वार से मंडी पहुंचने में काली चामुंडा के देवरथ को एक माह का समय लगा है और 8 देवलू माता के साथ महाशिवरात्रि महोत्सव के देव समागम में पहुंचे हैं।
बता दें कि काली चामुंडा के मूल स्थान डोडरा-क्वार में इस समय लगभग 6 फीट बर्फबारी हुई है। क्षेत्र तीन माह के लिए शेष दुनिया से बर्फबारी के कारण कट गया है। जानकारी देते हुए काली चामुंडा माता के गुर मनीष डिप्टा ने कहा कि काली चामुंडा डोडरा-क्वार से लगभग 400 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी से पैदल अपना एक महीने का सफर तय कर अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में शिरकत करने पहुंचे हैं। इस दौरान देवलुओं ने हिमाचल से उत्तरकाशी और फिर हिमाचल तथा शिमला होते हुए मंडी पहुंचे हैं।
मनीष ने कहा कि दूसरी बार मंडी शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने के बावजूद इस बार भी प्रशासन द्वारा उन्हें दूसरे जिले से संबंधित होने के कारण पंजीकृत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा उन्हें 7 दिन के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान एक समय तक राशन तक मुहैया नहीं करवाया गया।