Mandi Himachal: विद्यार्थी स्कूल छोड़कर जाने लगे तो अभिभावकों ने अपने खर्च पर रख लिया शिक्षक

धार  पंचायत के धुआं देवी प्राथमिक स्कूल में अभिभावकों को अपने खर्च पर शिक्षक की तैनाती करनी पड़ी है। प्रति विद्यार्थी 100-100 हर माह शिक्षक को दिए जा रहे हैं।

धार पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को सौंपा ज्ञापन।
धार पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को सौंपा ज्ञापन। – फोटो : संवाद

विस्तार

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सदर विधानसभा की धार पंचायत के धुआं देवी प्राथमिक स्कूल में अभिभावकों को अपने खर्च पर शिक्षक की तैनाती करनी पड़ी है। प्रति विद्यार्थी 100-100 हर माह शिक्षक को दिए जा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि बार-बार मांग के बाद भी स्कूल में शिक्षक की तैनाती नहीं की गई। स्कूल में तीन साल से एक ही शिक्षक सेवाएं दे रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षक की तैनाती न होने से कई बच्चे स्कूल छोड़कर चले गए। पहले यहां 60 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। मौजूद समय में यह संख्या 40 रह गई है। जब सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से कुछ नहीं किया गया तो बच्चों की शिक्षा के लिए अभिभावकों ने अपने खर्च पर स्कूल में अध्यापक की तैनाती कर ली। अभिभावकों ने सरकार और विभाग से अपील की है कि स्कूल में शिक्षकों की तैनाती की जाए, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इधर, प्राथमिक शिक्षा उप निदेशक अमर नाथ राणा ने बताया कि जल्द दूूसरे शिक्षक की तैनाती भी स्कूल में होगी।

अभिभावकों ने डीसी को सौंपा ज्ञापन, तैनाती की मांग
सोमवार को धार पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को डीसी अरिंदम चौधरी को ज्ञापन सौंपकर प्राथमिक पाठशाला धुआं देवी में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की मांग उठाई। अधिवक्ता दीपक शर्मा की अगुवाई में जिलाधीश को सौंपे ज्ञापन में लोगों ने कहा कि धार पंचायत की प्राथमिक पाठशाला धुंआ देवी में पिछले करीब तीन साल से एक ही अध्यापक सेवारत है। इस कारण वहां विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बच्चों का भविष्य अंधकारमय देखकर अभिभावक परेशान हैं। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अपने स्तर पर एक अन्य अध्यापक की तैनाती करनी पड़ी है। जिसके मानदेय के लिए सभी अभिभावक प्रति बच्चा 100 रुपये प्रति माह दे रहे हैं। अभिभावकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि शीघ्र इस स्कूल में अध्यापकों की तैनाती करवाने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश जारी करें।