पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट मंडी जिला के बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विरोध लगातार जारी है। बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने शनिवार को ज़िलाधीश मंडी के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खु को एक मांग पत्र प्रेषित किया। जिसमे प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में एसआर एशिया द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को एक-तरफा व किसान विरोधी करार देते हुए प्रस्तावित बल्ह हवाई अड्डे की सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग की।
बल्ह बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि एसआईए रिपोर्ट में यह साफ़ लिखा है कि परियोजना की डीपीआर, आरआर प्लान आदि अभी तैयार नहीं है। एसआर एशिया के पास परियोजना को लेकर मात्र इतनी जानकारी थी कि इस परियोजना के लिए 7 राजस्व मोहाल की 2500 बीघा व्यक्तिगत भूमि और 370 बीघा सरकार भूमि की आवश्यकता होगी, जिससे 2862 परिवार प्रभावित होने हैं।
इतनी कम जानकारी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई यह रिपोर्ट इस क्षेत्र की जनता के मज़ाक के साथ साथ हिमाचल प्रदेश भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार नियम, 2015 का उलंघन भी है। समिति का कहना है कि 26 मार्च से 29 मार्च तक प्रस्तावित हवाई अड्डे को लेकर रखी गई जन सुनवाई के दौरान एसआईए रिपोर्ट को निरस्त किया जाए।
समिति के सचिव नंदलाल ने कहा की हिमाचल प्रदेश में पहले से शिमला, भुंतर और धर्मशाला में तीन एयरपोर्ट मंडी से 50 किलोमीटर की हवाई दूरी के अंदर आते हैं। इन हवाई अड्डों के विस्तार की योजनाओं पर भी विचार विमर्श काम शुरू किया जा चुका है। इस बाबत कोई विस्तृत विमर्श, बैठक या अध्ययन का ज़िक्र रिपोर्ट में नहीं है। बल्ह घाटी के उपजाऊ और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है और बल्ह बचाओ संघर्ष समिति हवाई अड्डा बनाने के प्रस्ताव के खिलाफ है।
उन्होंने बताया कि पहले सरकार यह साबित करे इस परियोजना के प्रभावित जनता का कैसे विकास होगा। उनका रोजगार, जमीन के बदले जमीन कहा मिलेगी क्या बाज़ार भाव के अनुसार जमीन का मूल्य मिलेगा। वहीं सभी कानूनी प्रावधान अनुसार विकल्पों की जांच, लाभ हानि विश्लेषण, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों का आंकलन कर जनता के सामने रखा जाये। इसके बाद ही बल्ह की जनता अपना मत और निर्णय देगी।