यूक्रेन रूस युद्ध के बीच हिमाचल के साथ पूरे देश भर से छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं। इन्हें लाने के लिए केंद्र सरकार ने अब आपरेशन गंगा शुरू किया हुआ है। केंद्र सरकार के चार मंत्री भी इसी आपरेशन के तहत यूके्रन के साथ लगते पड़ोसी देशों में डटे हुए हैं। भारतीय वायु सेना अपने सी-17 ग्लोबमास्टर जहाज के जरिए भारतीय नागरिकों को वापस लाने में लगी हुई है। भारत सरकार के इस अहम मिशन में छोटी काशी मंडी के चिराग सूद भी अपने देश की सेवा में लगे हुए हैं। मंडी शहर के चिराग सूद भारतीय वायु सेना में स्क्वार्डन लीडर हैं और वह ही सबसे पहले सी-17 ग्लोबमास्टर जहाज के जरिए अपने देश के लोगों को बचाकर लाएं हैं। सी-17 ग्लोबमास्टर की पहली फ्लाइट बुधवार देररात को रोमानिया से दिल्ली पहुंची हैं। इस फ्लाइट में चिराग सूद पायलट थे और दिल्ली पहुंचने पर उनका व अन्य साथियों का स्वागत स्वयं केंद्रीय सरकार रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा फूल देकर किया गया।
चिराग सूद सी-17 ग्लोबलमास्टर लेकर अब फिर गुरुवार की रात को उड़ान भरेंगे। पहली फ्लाइट में वह 4900 किलोमीटर से अधिक की उड़ान भरते हुए 800 से अधिक भारतीय को लेकर आए हैं। वहीं चिराग सूद के माता-पिता और अन्य परिजन खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। चिराग सूद के पिता दीप सूद का कहना है कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि उनका बेटा अपने देश की सेवा इस अहम मिशन के जरिए कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें गुरुवार सुबह इस बात की जानकारी मिली है। बता दें कि 1991 में जन्में चिराग सूद मंडी शहर के खलियार के रहने वाले हैं। (एचडीएम)