बिहार के दशरत मांझी (Dashrath Manjhi) की कहानी हम सबने सुनी है. फिल्म के ज़रिए मांझी की कहानी दुनियाभर के लोगों के बीच पहुंची. पत्नी की मौत ने मांझी को इतना द्रवित कर दिया कि उसने अकेले ही पहाड़ काटकर रास्ता बनाया और माउंटेन मैन बन गया. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से ऐसे ही एक दशरथ मांझी की कहानी सामने आई है. एमपी के इस शख्स ने पहाड़ काटकर पत्नी के लिए कुआं खोद दिया.
पत्नी 2 Km चलकर पानी लाने जाती थी, पति ने कुआं खोद दिया
दैनिक भास्कर के लेख के अनुसार, ज़िला सीधी, मध्य प्रदेश के हरि सिंह की पत्नी सियावती 2 किलोमीटर चलकर पानी लाने जाती थी. पत्नी की परेशानी हरि सिंह से देखी नहीं जाती थी. उसे हमेशा अपनी पत्नी की चिंता सताती रहती थी. हरि सिंह ने खुद ही पहाड़ काटकर पत्नी के लिए कुआं खोदने का निर्णय लिया.
60 फ़ीट गहरा खोद दिया हरि सिंह ने
Dainik Bhaskar
मीडिया से बात करते हुए हरि सिंह ने बताया कि उन्होंने तीन साल में पहाड़ काटकर 20 फ़ीट चौड़ा और 60 फ़ीट गहरा कुआं खोद दिया. इस कुएं से थोड़ा पानी निकल आया लेकिन खुदाई अभी भी जारी है. कुएं की खुदाई जारी है और इससे और पानी निकलने की उम्मीद भी है.
कुआं खोदकर ही दम लेने की ज़िद्द
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चट्टान काटकर कुआं खोदना आसान काम नहीं है, हरि सिंह को भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि शुरू में उन्हें काम बेहद कठिन लगा क्योंकि पत्थर में कुआं खोदना था, मिट्टी की परत नहीं थी. तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने पत्नी के लिए कुआं खोदने का संकल्प पूरा किया.
बिना किसी की मदद के ही कुआं खोद दिया
हरि सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार पंचायत कर्मियों से सहायता मांगी लेकिन किसी की मदद नहीं मिली. जब कोई भी मदद को आगे नहीं आया तब उन्होंने खुद ही कुआं खोदने का निर्णय ले लिया.
हरि सिंह ने बताया कि जब तक इस्तेमाल के लिए पूरा पानी नहीं मिल जाता वे खुदाई करते रहेंगे.
देश में एक तरफ़ ऐसे मामले सुनने को मिलते हैं कि गोल रोटी न बनाने की वजह से पत्नी को पति ने मार दिया. खाने में नमक तेज़ होने की वजह से पति ने पत्नी का मुंडन कर दिया. वहां हरि सिंह का अपनी पत्नी के प्रति प्रेम मिसाल है.