Manoj Muntashir: ‘हम ब्राह्मण हैं..जन्मजात तपस्वी हैं’, JNU कांड पर मनोज मुंतशीर का वीडियो आंख, कान सब खोल देगा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय या जेएनयू में हाल ही में दीवारों पर लिखे गए ब्राह्मण विरोधी स्लोगन से पूरा देश दहल रहा है। हर तरफ बस इसी की चर्चा हो रही है। इस बीच गीतकार मनोज मुंतशीर शुक्ला ने एक वीडियो रिलीज कर बताया है कि आखिर देश में ब्राह्मणों का क्या योगदान रहा है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय या जेएनयू में हर रोज कुछ न कुछ ऐसा होता है, जो सुर्खियों में छा जाता है। वहां पर स्टूडेंट्स के चलते आए दिन अफरा-तफरी मची रहती है। JNU में देश-दुनिया के कई बच्चे पढ़ने जाते हैं और फिर कई तरह की चीजें एक्सपीरियंस करते हैं। लेकिन हाल ही में जेएनयू में कुछ ऐसा हुआ, जिससे हर तरफ सवालों के घेरे शुरू हो गए हैं। दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारों वाली कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र संघों ने मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है। लेकिन तभी गीतकार मनोज मुंतशीर शुक्ला उछल पड़े और कहा कि यह सनातन धर्म का अपमान है। उन्होंने अब एक वीडियो रिलीज कर ब्राह्मणों की देश के प्रति शक्ति को बताया है।

मनोज मुंतशीर ने बताया कौन हैं ब्राह्मण

जेएनयू में ब्राह्मण विरोधी नारे लगने के बाद अब मनोज मुंतशिर ने एक छोटा सा वीडियो शेयर कर धरती पर ब्राह्मणों के योगदान की अहमियत बताई है। गीतकार मनोज मुंतशीर ने अपना वीडियो बनाया कि कैसे ब्राह्मणों ने हमारी संस्कृति और पांडुलिपियों को सहेजा है।

मनोज मुंतशीर का ये वीडियो

उन्होंने इस बार भी बहुत कुछ कहा है। उन्होंने इस वीडियो में ब्राह्मणों के महत्व को बताते हुए कहा है कि प्राचीन काल में भी क्षत्रियों को शास्त्रों और शास्त्रों की शिक्षा देने का उत्तरदायित्व केवल ब्राह्मणों का ही होता था। इसमें वह कहते हैं कि वह केवल एक ब्राह्मण था, जो राजाओं को ज्ञान देकर महान बन रहा था। दधी के ऋषि जिन्होंने समाज कल्याण के लिए अपनी अस्थियां भी दान की हैं।

ब्राह्मणों का देश के प्रति योगदान

उन्होंने इसमें यह भी कहा कि वे ब्राह्मण थे, जिन्होंने एक वंचित वनवासी को सम्राट बनाया और अखंड भारत की स्थापना की, लेकिन दुख की बात यह है कि आज इस बारे में कोई बात नहीं करता। गीतकार मनोज मुंतशीर शुक्ला के इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करने के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और उनका समर्थन किया है। हालांकि, ब्राह्मणों के भारत छोड़ो के नारों के बाद कई संगठनों ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और इन नारों को लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

JNU के छात्रों का दावाछात्रों ने दावा किया कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज II की इमारत की दीवारों को ब्राह्मण और बनिया समुदायों के खिलाफ नारों के साथ तोड़ दिया गया था। दीवारों पर लिखे कुछ नारे “ब्राह्मण कैंपस छोड़ो,” “वहां खून होगा,” “ब्राह्मण भरत छोड़ो,” और “ब्राह्मणों-बनिया, हम आपके लिए आ रहे हैं! हम बदला लेंगे।” पीटीआई को ये सूचना दी।