फिलहाल भले ही अमर उजाला के अलावा अभी तक किसी बड़े अखबार ने इस स्तर पर शिमला से अपना प्रकाशन शुरू करने जैसा कदम न उठाया हो, लेकिन ब्रितानिया हुकूमत का वह भी दौर भी शिमला ने देखा, जब कई अंग्रेजी समाचार पत्र यहां से छपकर देश-विदेश तक जाते थे।
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इस शहर ने वह दौर भी देखा है, जब उस जमाने के कई महत्वपूर्ण अखबार यहां से छपे। यह वह समय था, जब अंग्रेज सरकार गर्मियों में देश का शासन यहां से चलाती थी। देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के कारण यहां से छपने वाले अखबार सरकार पर अच्छा खासा असर डालते थे। फिलहाल भले ही अमर उजाला के अलावा अभी तक किसी बड़े अखबार ने इस स्तर पर शिमला से अपना प्रकाशन शुरू करने जैसा कदम न उठाया हो, लेकिन ब्रितानिया हुकूमत का वह भी दौर भी शिमला ने देखा, जब कई अंग्रेजी समाचार पत्र यहां से छपकर देश-विदेश तक जाते थे। शिमला में पत्रकारिता का इतिहास 1848 से शुरू होता है। इस साल यहां पहली प्रेस लगाई गई। ऐलबीयोंन प्रेस के नाम से लगाई गई इस प्रेस में ‘माउंटेन मॉनिटर’ नाम के अखबार को शुरू किया गया। दुर्भाग्य से यह अखबार ज्यादा नहीं चला और जल्दी ही बंद भी हो गया। इस अखबार का पहला अंक 15 मई 1848 को और आखिरी अंक 2 अक्तूबर को छपा। इस अखबार के जितने भी अंक छपे, प्रभावशाली ढंग से छपे। इसके संपादक डा. डब्ल्यूएल मैकग्रीगोर थे।