राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) के तहत जारी होने वाली अनुदान राशि के खर्च पर बड़ा प्रश्न पैदा हो गया है। कुछ विद्यालयों को मदद में अनुदान राशि 20 मार्च के बाद प्रेषित की गई। यह निर्देश भी दिए गए कि 31 मार्च से पहले हर हालत में इसे खर्च करना होगा। विद्यालयों ने खर्च तो कर दिया, लेकिन सेवा तथा सामान की आपूर्ति करने वाले वेंडर की अदायगी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की शाखा में लंबित है।
इस मुद्दे को हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ ने संबंधित बैंक से उठाया तो जवाब था कि विद्यालय की खर्च सीमा को विभाग द्वारा नहीं बढ़ाया गया है। सिरमौर डाइट कार्यालय इसका दोष एसपीडी कार्यालय (SPD Office) पर लगा रहा है,लेकिन संबंध में न तो डाइट के पास जवाब है और न ही एचडीएफसी कोई जवाब दे रहा है। सिर्फ यही आश्वासन दिया जा रहा है कि मुद्दे को उठाया जाएगा, जबकि संबंधित विद्यालयो पर वेंडर (Vendor) का दबाव बढ़ता जा रहा है,जिसने सेवाएं व सामान की आपूर्ति विद्यालयों को कर दी है।
खर्च राशि का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले राजगढ़ खंड की लाखों की राशि लंबित है। सिरमौर स्कूल प्रवक्ता संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, जिला महासचिव, डॉ आईडी राही, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश नेगी पूर्व महासचिव संजय शर्मा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सतीश शर्मा देवराज कनयाल, महिला विंग अध्यक्षा रमा शर्मा, संध्या चौहान,राजगढ़ खंड के कार्यकारिणी के सदस्य जोगेंद्र सिँह, राजेश शर्मा, राजेश भारत आदि ने मांग की है कि विद्यालयो को जारी होने वाली अनुदान राशि को समय से विद्यालय को प्रेषित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाना चाहिए। एचडीएफसी बैंक से समस्या आ रही है, क्योंकि बैंक की शाखाएं दूरदराज के क्षेत्र में नही है। प्रवक्ता संघ ने यह मांग भी की कि पिछले वर्ष की लंबित धनराशि को शीघ्र अति शीघ्र विद्यालय को दिया जाए, ताकि विद्यालय तथा वेंडर (Vendor) के बीच के विवाद को सुलझाया जा सके। आगामी वर्ष में अनुदान राशि को समय से विद्यालय को भेजा जाए ताकि धन का उचित उपयोग हो सके।