मंडी मजदूरों को मोदी सरकार ने गुलामी के कगार पर किया खड़ा : सीटू

सोमवार को मंडी शहर के ऐतिहासिक सेरी मंच पर सीटू के जिला पदाधिकारियों व सीटू से जुड़े विभिन्न संगठनों द्वारा मई दिवस मनाया गया। इस दिन को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह आंदोलन 1886 को अमेरिका में मजदूरों द्वारा किया गया था, जिसने अमरीकी सरकार को हिलाकर रख दिया था। जिला में भी सीटू से जुड़े विभिन्न संगठनों ने रैली निकाली और वर्तमान मोदी सरकार के फैसलों पर रोष व्यक्त किया।

इस अवसर पर मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा आज के समय में वही स्थिति पैदा की जा रही है जो आज से 133 वर्ष पहले थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कार्य करने के समय को 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रयास कर रही है, जिससे मजदूरों को फिर से कुर्बानी की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले के जो श्रम कानून बनाए गए थे उन्हें भी मोदी सरकार द्वारा बदला जा रहा है जोकि मजदूरों के हितों में नहीं है।

उन्होंने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार द्वारा बनाए गए मजदूर विरोधी कानूनों को रद्द और श्रम कोड को वापिस नहीं लिया गया तो 2024 के चुनावों में सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए मजदूर संगठन द्वारा आंदोलन छेड़ा जाएगा।