ड्राइवर के बेटे से की शादी, 21 साल बाद तलाक… कुछ ऐसी रही जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी की प्रेम कहानी

Rajasthan News : जयपुर राजघराना एक बार फिर चर्चा में आया है। जयपुर राजघराने की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर शिलालेख में सुधार कराने की मांग की है। राजकुमारी दीया राजसमंद लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद है। दीया ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी। यह लव मैरिज उन्होंने अपने पिता के ड्राइवर के बेटे से की थी। 21 साल बाद दीया कुमार ने अपने पति से तलाक ले लिया।

जयपुर : उज्बेकिस्तान के समरकंद शिलालेख पर सवाई जयसिंह के बारे में विवादित उल्लेख के बाद जयपुर राजघराना एक बार फिर चर्चा में आया है। जयपुर राजघराने की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर शिलालेख में सुधार कराने की मांग की है। राजकुमारी दीया राजसमंद लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद है। दीया ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी। यह लव मैरिज उन्होंने अपने पिता के ड्राइवर के बेटे से की थी। 21 साल बाद दीया कुमार ने अपने पति से तलाक ले लिया। आइए जानते हैं राजकुमारी दीया की प्रेम कहानी के बारे में….

जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह की इकलौती संतान हैं राजकुमारी दीया
दीया कुमारी का जन्म 30 जनवरी 1971 को भारतीय सेना अधिकारी और होटल व्यवसायी भवानी सिंह के घर हुआ। जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई मानसिंह के पुत्र सवाई भवानी सिंह की शादी पद्मिनी देवी के साथ हुआ था। दीया कुमारी भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा महारानी गायत्री देवी दर्ल्स स्कूल जयपुर में हुई। बाद में उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल और जी.डी. सोमानी मेमोरियल स्कूल, मुंबई में अध्ययन किया। इसके बाद उन्होंने लंदन में डेकोरेटिव आर्ट्स का कोर्स किया। वह अपनी सुंदरता और वे सूझ-बूझ के लिए भी जानी जाती हैं।

राजपरिवार की इच्छा के विरुद्ध ड्राइवर के बेटे नरेन्द्र सिंह से लव मैरिज
राजघरानों में राजकुमारियों का विवाह अमूमन राजकुमारों के साथ ही होता है। लेकिन जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया ने इस परम्परा को तोड़ते हुए एक साधारण परिवार के लड़के से शादी कर ली। अपने पिता के ड्राइवर के बेटे नरेन्द्र सिंह से उन्हें प्यार हो गया था। कई दिनों तक दोनों के बीच प्यार चलता रहा। बाद में दीया कुमार ने नरेन्द्र सिंह से शादी करने का फैसला किया। परिवार वालों से छिपते छिपाते दोनों का प्यार परवान चढने लगा। राजपरिवार में होने वाले कार्यों में नरेन्द्र सिंह हाथ बंटाने लगे। इसी बहाने वे और दीया कुमार आपस में मिलते रहे। दोनों के बीच प्यार के रिश्ते की किसी को कानोंकान भनक नहीं लगी।

1989 में हुई थी दीया कुमारी और नरेन्द्र सिंह पहली मुलाकात
राजकुमारी दीया कुमारी की नरेन्द्र सिंह से पहली मुलाकात वर्ष 1989 में हुई। उस समय दीया कुमारी महज 18 साल की थी। नरेन्द्र सिंह ग्रेजुएशन के बाद चार्डर्ट एकाउंटेंट की तैयारी कर रहे थे। उस समय वे सवाई मानसिंह संग्रहालय ट्रस्ट में ट्रेनिंग के लिए अकाउंट सेक्शन में काम कर रहे थे। दीया कुमारी भी राजपरिवार के इस संग्रहालय में आती जाती रहती थी। इस दौरान दोनों की पहली मुलाकात हुई। दोनों में दोस्ती हुई। लगातार बातचीत का सिलसिला चलने लगा और थोड़े ही दिनों बाद उनकी यह दोस्ती प्यार में बदल गई।

विदेश दौरे पर गई तो नरेन्द्र सिंह के बिना रह नहीं पाई दीया कुमारी
एक बार राजपरिवार के सदस्यों के साथ दीया कुमारी विदेश दौरे पर गई। वहां उन्हें नरेन्द्र सिंह की याद सताने लगी। वे भारत चलने की जिद करने लगी। इस दौरान महारानी पद्मिनी देवी दीया कुमारी और नरेन्द्र सिंह के बीच प्रेम संबंधो का पता चला। पद्मिनी देवी ने दीया से पूछा तो दीया ने नरेन्द्र सिंह से प्यार करने की बात कही। यह सुनकर पद्मिनी देवी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। राजपरिवार ने दीया के रिश्ते को मंजूर नहीं किया लेकिन दीया अपने फैसले पर अडिग थी। दीया और नरेन्द्र सिंह ने साथ जीने-मरने की कसमें खाई।
राजपरिवार की इच्छा के विरुद्ध कोर्ट मैरिज कर ली
दीया कुमारी और नरेन्द्र सिंह की शादी के लिए राजपरिवार राजी नहीं हुआ तो दोनों ने चुपके से कोर्ट मैरिज कर ली। कोर्ट मैरिज के कई दिनों बाद लोगों को उनकी शादी के बारे में पता चला। राजपरिवार के साथ राजपूत समाज ने भी गहरी नाराजगी जाहिर की। चूंकि दीया कुमारी और नरेन्द्र सिंह एक ही गोत्र थे। एक ही गोत्र में शादी होना वर्जित माना जाता है। कई सालों तक राजपरिवार दीया से नाराज रहा लेकिन आखिर राजपरिवार को अपनी बेटी के प्यार के सामने झुकना पड़ा। बाद में राजपरिवार ने दीया के रिश्ते को स्वीकार कर लिया।

2018 में दीया और नरेन्द्र सिंह का हुआ तलाक, दोनों के तीन संतानें हैं
राजकुमारी दीया और नरेन्द्र सिंह का वैवाहिक जीवन 21 साल चला। वर्ष 2018 में दोनों ने स्वेच्छा से तलाक की अर्जी लगाई जिसे पारिवारिक न्यायालय ने मंजूरी दे दी। अब दोनों अलग अलग हो चुके हैं। दीया और नरेन्द्र सिंह के तीन संतानें हैं। दो बेटे पद्मनाभ सिंह और लक्ष्यराज सिह और एक बेटी गौरवी हैं। ये तीनों लंदन में रहते हैं। लंदन में भी दीया कुमारी की प्रोपर्टी हैं। जयपुर में भी दीया कुमारी के पास बड़ी पारिवारिक विरासत है जिनमें सिटी पैलेस और जयगढ किला सहित कई इमारतें और होटलें शामिल हैं।

2013 में राजनीति में कदम रखा दीया कुमारी ने
दीया कुमारी ने वर्ष 2013 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उसी वर्ष भाजपा ने उन्हें सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया। दीया कुमारी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गई। एक विधायक के रूप में पांच साल का कामकाज शानदार रहा। वे आमजन से नियमित रूप से मिलती हैं और उनके काम करती हैं। वर्ष 2019 में भाजपा ने उन्हें राजसमंद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। लोकसभा चुनाव में भी दीया कुमारी ने जीत हासिल की। एक सांसद के रूप में उनका काम बेहतरीन बताया जा रहा है। वे क्षेत्र में लगातार दौरे करके लोगों से मुलाकातें करती है। जयपुर होने पर वे सिटी पैलेस में भी लोगों से मिलती हैं।

दीया कुमारी का दावा- ताजमहल की प्रोपर्टी जयपुर राजघराने की

ताजमहल में हिन्दु देवी देवताओं की प्रतिमाएं होने का संदेह जताते हुए भाजपा के अयोध्या मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके ताजमहल के 22 कमरे खोलने की मांग की थी। उसी समय जयपुर राजघराने की राजकुमारी और भाजपा सांसद दीया कुमार ने ताजमहल की प्रोपर्टी को जयपुर राजघराने की प्रोपर्टी होने का दावा किया। दीया ने कहा कि ताजमहल की जमीन पर जयपुर के राजपरिवार का पुराना महल हुआ करता था। जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया था। उस दौरान शाहजहां का शासन था ऐसे में जयपुर राजपरिवार कुछ नहीं कर पाया था। दीया कुमारी ने दावा किया कि ताजमहल से जुड़े दस्तावेज जयपुर के पोथीखाने में सुरक्षित हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वे कोर्ट में पेश करेंगी।

खुद के भगवान राम के वंशज होने का दावा किया दीया कुमारी ने
श्री राम जन्मभूमी के बारे में जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। तब मई 2021 में दीया कुमारी ने दावा किया वे भगवान श्रीराम की वंशज है। उन्होंने राजा दशरथ से पहले और बाद की पूरी वंशावली मीडिया के सामने रखते हुए स्वयं को भगवान राम का वंशज होने का दावा किया। उन्होंने बताया कि वे भगवान श्री राम की 309वीं पीढी के सदस्य हैं। सबूत के तौर पर उन्होंने पूरी वंशावली भी दिखाई।