Masik Shivratri 2023: माघ मास की शिवरात्रि 20 जनवरी को है। इस शिवरात्रि का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है क्योंकि इसी दिन भगवान भोलेनाथ का विवाह तय हुआ था। इस दिन से महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू हो जाती है। इस शिवरात्रि पर शिव पार्वती की पूजा से नरक नहीं जाना पड़ता है इसलिए इसे नरक निवारण चतुर्दशी भी कहते हैं।
माघ शिवरात्रि नरक निवारण चतुर्दशी पर शिवजी पूजा
माघ मास की शिवरात्रि को देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने वाले पर भगवान भोलेनाथ और देव पार्वती की बड़ी कृपा होती है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन निराहार रहकर भगवान भोलेनाथ का यह व्रत रखता है उसके जाने-अनजाने में हुए पाप कट जाते हैं और भगवान भोलेनाथ उसे नरक से उबार लेते हैं। इसलिए इस शिवरात्रि पर भगवान शिव का पूरे मनोयोग से पूजन करना चाहिए। माघ मास की शिवरात्रि के दिन व्रती को बेर, सेम, तिल भगवान भोलेनाथ को अर्पित करना चाहिए। साथ ही भगवान भोलेनाथ का अभिषेक गंगाजल, दूध, शहद, घी, दूध से करना चाहिए। भगवान भोलेनाथ की पूजा में बेलपत्र का भी बड़ा ही महत्व है जिसका जिक्र शिवपुराण में भी किया गया है। इसलिए शिवजी को बेलपत्र भी जरूर चढ़ाएं, बेलपत्र की संख्या 108, 11, 5, 3 और अगर इतना भी संभव न हो तो एक बेलपत्र भी अर्पित कर सकते हैं।
नरक निवारण माघ शिवरात्रि पर क्या करें
माघ मास की मास शिवरात्रि पर नरक से मुक्ति और सुख समृद्धि के लिए भक्तों को इस दिन शिव पुराण की कथा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ भी इस दिन करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है। इस शिवरात्रि के दिन व्रती के लिए यह नियम है कि दिन भर व्रत करके संध्या के समय सेम और बेर खाकर व्रत खोलना चाहिए। मन, वाणी से कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे किसी को कष्ट हो। भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए कि जाने-अनजाने में जो उनसे कोई पाप पाप कर्म हुए है उसके लिए क्षमा करें और नरक जाने से रक्षा करें।