देश में एक दिन में सबसे ज्यादा लोगों ने की हवाई यात्रा, ऑल टाइम हाई पर एयर ट्रैफिक, किस बात का है यह संकेत?

Air Traffic DATA : भारत का हवाई याातायात तेजी से बढ़ रहा है। यह अब कोरोना से पहले के स्तर के लगभग बराबर पहुंच गया है। पैसेंजर लोड फैक्टर (PLF) में हमारा देश अमेरिका, चीन और जापान समेत कई बड़े देशों से आगे है। इस मीट्रिक पर भारत पिछले चार महीनों में टॉप घरेलू मार्केट रहा है।

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के दौरान एविएशन सेक्टर (Aviation Sector) सबसे अधिक प्रभावित हुआ था। लंबे समय तक हवाई यातायात (Air Traffic) पूरी तरह बंद था। एयरलाइंस पर कर्ज बढ़ता जा रहा था। कई छोटी एयरलाइंस तो इस दौरान बर्बाद हो गईं। हालांकि, जैसे ही हवाई यातायात फिर से शुरू हुआ, लोगों ने जमकर फ्लाइट्स (Flights) लीं। एयरपोर्ट्स पर भारी भीड़ की तस्वीरें हम सबने देखी हैं। ग्राहक बढ़े तो एयरलाइंस ने नई भर्ती भी की और नए विमान भी खरीदे। नई एयरलाइंस भी अस्तित्व में आ रही हैं। समय लगा लेकिन अब घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या महामारी से पहले के लेवल के करीब बराबर हो गयी हैं।

फिर से बुलंदियों पर एविएशन मार्केट

भारत का एविएशन मार्केट एक बार फिर बुलंदियों पर है। घरेलू हवाई यात्रा में लगातार इजाफा हो रहा है। फरवरी महीने के आंकड़े बताते हैं कि यह महामारी से पहले के लेवल के लगभग करीब है। पैसेंजर रेवेन्यू किलोमीटर्स के मामले में घरेलू विमानन बाजार महामारी से पहले के स्तर तक पहुंचने से सिर्फ 2.2 फीसदी दूर था। एविएशन इंडस्ट्री में रेवेन्यू पैसेंजर किलोमटर एक प्रमुख मिट्रिक होता है, जो हवाई परिवहन की मांग को मापता है। किसी देश में हवाई यात्रा की बढ़ती हुई मांग बढ़ी हुई व्यावसायिक गतिविधि का संकेत देती है।

महामारी से उबर रहा कारोबार

हवाई यात्रा की मांग का महामारी से पहले के स्तर तक पहुंचना इस बात का संकेत है कि भारत का कारोबार महामारी के संकट से उबर रहा है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की बाजार विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार, PRK के अलावा एक अन्य मीट्रिक भी घरेलू विमानन बाजार में सुधार की ओर इशारा करता है। पैसेंजर लोड फैक्टर (PLF) में भारत अमेरिका, चीन और जापान समेत कई बड़े देशों से आगे है। पीएलएफ एक मीट्रिक है, जो किसी एयरलाइन की यात्री वहन क्षमता के उपयोग की दर को मापता है। इस मीट्रिक पर भारत पिछले चार महीनों में टॉप घरेलू मार्केट रहा है। इसने फरवरी में 81.6 फीसदी, जनवरी में 85.2 फीसदी, दिसंबर 2022 में 88.9 फीसदी और नवंबर 2022 में 87.9 फीसदी का पीएलएफ प्राप्त किया है।

हवाई यातायात में तेजी से हो रहा सुधार

मार्च में रेटिंग एजेंसी ICRA ने घरेलू हवाई यात्री यातायात में तेजी से सुधार का हवाला देते हुए भारत के विमानन क्षेत्र के आउटलुक को नकारात्मक से स्थिर कर दिया था। इसने 2022-23 में भारतीय विमानन उद्योग के नुकसान को 11,000 करोड़ रुपये से 13,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था। साथ ही भविष्यवाणी की थी कि अगले वित्त वर्ष में यह घटकर 5,000 रुपये से 7,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।

इस साल आएगी बंपर तेजी

ICRA ने अगले वित्त वर्ष में 8-13 फीसदी की घरेलू यात्री यातायात वृद्धि का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2023 में इसमें 55-60 फीसदी तेजी की उम्मीद है। इससे यह 145 से 150 मिलियन पर पहुंच जाएगा, जो प्री कोविड लेवल से काफी अधिक है।

ऑल टाइम हाई पर घरेलू एयर ट्रैफिक

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल 2023 को भारत का घरेलू एयर ट्रैफिक ऑल टाइम हाई के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया। इस दिन 2,978 फ्लाइट्स में 4,56,082 यात्रियों ने सफर किया। कुल फ्लाइट मूवमेंट 5,947 रहीं। वहीं, कुल पैसेंजर्स 9,13,336 रहे। यह आंकड़ा कोरोना से पहले के एवरेज को पार कर गया है।