बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी मंडलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को संबोधित किया और महाराष्ट्र की राजनीति और राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार को समर्थन करने पर बयान दिया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बृहस्पतिवार को पार्टी के सभी मंडलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक ली और कहा कि वे जन-जन तक पहुंचकर पार्टी की नीतियों के बारे में लोगों को बताएं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में जारी राजनीतिक अस्थिरता, गतिरोध तथा सत्ता पलटने के लिए धन बल के हो रहे खेल से जनहित व जनकल्याण लगातार प्रभावित होना गंभीर चिंता की बात है।मायावती ने कहा कि बसपा ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किसी व्यक्ति अथवा पार्टी विशेष के दबाव में नहीं किया है बल्कि एसटी समुदाय के बहुजन समाज के अभिन्न अंग होने के नाते किया है। यह फैसला न एनडीए के पक्ष में हैं और ने यूपीए के विरुद्ध।उन्होंने कहा कि यूपीए ने अपना उम्मीदवार चुनते समय इस पर कोई मशविरा तक नहीं किया। सरकार की गलत नीतियों , अहंकारी रवैये के कारण हालात दिन ब दिन बिगड़ रहे हैं। सरकार दुखद माहौल से लोगों का ध्यान बांटने के लिए दमनकारी तरीके गिरफ्तार करो, जेल भेजो, मकान ध्वस्त करो नीति अपना रही है जो पूरी तरह गलत है। यह संवैधानिक व मानवीय दृष्टि से अनुचित है।
मायावती ने कहा कि ऐसा ही सरकारी नौकरियों की भर्ती में हो रहा है। अब सेना में भी ठेके की तरह अस्थाई तौर पर अग्निवीरों की भर्ती के कारण युवा आक्रोशित हैं। पहले भूमि अधिग्रहण और उसके बाद किसान आंदोलन की तरह ही यह मामला भी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आगामी चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट जाने को कहा। कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा को तगड़ा प्रदर्शन करना है।