मैकेनिक के बेटे ने स्कॉलरशिप से की पढ़ाई, 6 लाख की नौकरी ठुकराई, अब CAT में पाए 99.78 परसेंटाइल

अहमदाबाद के रजीन मंसूरी एक एयर कंडीशनर की मरम्मत करने वाले पिता के  बेटे हैं. घर की आर्थिक स्थति इतनी मजबूत नहीं रही कि वह निश्चिंत हो कर अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगा सकें लेकिन इसके बावजूद रजीन ने CAT में 99.78 अंक प्राप्त कर अपने मैकेनिक पिता और परिवार का नाम रोशन किया है.

पहले पास होने के बाद फिर दी परीक्षा

25,000 महीना कमाने वाले रजीन के पिता इरफान मंसूरी अपनी पत्नी सबीहा और बेटों रजीन व रेहान के साथ जुहापुरा में स्थित एक कमरे के एक मकान में रहते हैं. इससे पहले 22 वर्षीय रजीन मंसूरी ने कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) 2021 में 96.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. इन अंकों पर उन्हें IIM-उदयपुर में प्रवेश मिल रहा था लेकिन वह अपने इस परिणाम से खुश नहीं थे.

उन्होंने ने मन बनाया कि वह एक बार फिर से इसके लिए प्रयास करेंगे. उन्होंने फिर से परीक्षा दी और इस बार 99.78 प्रतिशत अंक प्राप्त कर लिए. इन अंकों से यनके IIM-अहमदाबाद व IIM-बैंगलोर में प्रवेश की संभावना काफी अधिक हो गई है. रजीन ने इसी साल मई में अहमदाबाद यूनिवर्सिटी से IT में इंजीनियरिंग पूरी की है.

छात्रवृति के सहारे की पढ़ाई

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TOI से बात करते हुए रजीन ने बताया कि ‘उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है. हाई स्कूल से ही उन्होंने ज्यादातर छात्रवृत्ति की मदद से ही पढ़ाई की है. सीएन विद्यालय से हाईस्कूल पूरा करने के बाद, उन्होंने अहमदाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और आईटी में इंजीनियरिंग पूरी की. उन्हें उनके अच्छे प्रदर्शन के रूप में फिर से एयू में अच्छी छात्रवृत्ति मिली.’

नौकरी की पेशकश ठुकराई

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्हें 6 लाख रुपये सालाना वेतन के साथ जॉब मिल रही थी लेकिन उन्होंने इस ऑफर को लेने से इनकार कर दिया. दरअसल, रजीन ने हमेशा से IIM में प्रवेश पाने का सपना देखा था. रजीन के अनुसार उन्होंने CAT की तैयारी शुरू की. खास बात ये है कि इस कठिन परीक्षा के लिए उन्होंने कहीं कोचिंग नहीं ली बल्कि घर में ही पढ़ते रहे.

इसके बाद उन्होंने 2021 में परीक्षा दी. उनका रिजल्ट 96.20 प्रतिशत था. वह परिणाम से संतुष्ट नहीं थे. यही वजह थी कि उन्होंने 2022 में दोबारा परीक्षा देने के लिए खुद को तैयार किया. कैट 2022 की परीक्षा के लिए रजीन ने एक कोचिंग क्लास में दाखिला लिया, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि कोचिंग में उनसे केवल आधी फीस ली गई थी.

रजीन मंसूरी की कोचिंग के प्रमुख सतीश कुमार उनके बारे में कहते हैं कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और वित्तीय संघर्षों को देखते हुए यह एक असाधारण उपलब्धि है. उन्हें यकीन है कि रजीन किसी भी शीर्ष IIM के लिए एक महान छात्र होंगे.”