मेरठ के जिला अस्पताल का शौचालय। खून से लथपथ नवजात बच्ची। टॉयलेट में फंसा उसका शव और घटनास्थल के आसपास के दृश्य को देखना तक मुश्किल हो रहा था। चिकित्सक, महिला कर्मचारी और तीमारदारों सहित अन्य लोगों ने जब नवजात बच्ची का यह हाल देखा तो वे सन्न रह गए। कुछ लोगों ने कहा- किसी बिटिया के साथ न हो ऐसा।
प्रसव के समय बिटिया को अस्पताल तक नसीब न हो सका। उसे न तो मां की ममता मिली और न ही वह दुनिया देख पाई। वहीं, पुलिस और फोरेंसिक टीमें इसी जांच में जुटीं रही कि महिला ने मृत बच्ची को जन्म दिया, उसे मार डाला या फिर शव को यहां लाकर फेंक दिया गया। नवजात के इस हाल ने कई सवाल छोड़ दिए, जिनके जवाब तलाशने के प्रयास किए जा रह हैं।
बताया गया कि इमरजेंसी के पुरुष शौचालय में खून पड़ा मिलने पर लोगों ने डॉक्टर को सूचना दी। जिसके बाद डॉक्टर और पुलिस ने मौके पर जाकर देखा तो एक नवजात का शव पुरुष टॉयलेट के अंदर पड़ा हुआ था। हालांकि पुलिस ने तुरंत नवजात के शव को निकलवाया और मोर्चरी भिजवाया। वहीं अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पाई कि यह बच्चा किसका है। पुलिस की दो टीमें जांच में जुटी हैं।
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पुरुष शौचालय में कैसे पहुंची महिला
बड़ा सवाल यह है कि पुरुष शौचालय में महिला कैसे पहुंची। महिला के साथ कोई पुरुष तो नहीं था। बच्ची को मारकर तो शौचालय में नहीं फेंका गया। पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि महिला अस्पताल में भर्ती थी या बाहर से आई थी। शौचालय का फर्श टूटा हुआ है। देखा जा रहा है कि बच्ची को यहां पटका तो नहीं गया है।
हालांकि पुलिस का कहना है कि फर्श पहले से ही टूटा हुआ था। यह भी संभावना जताई जा रही है कि कोई गर्भवती महिला यहां आई होगी और अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही तुरंत प्रसव पीड़ा के कारण यहां शौचालय में ही नवजात को जन्म दिया। पुलिस कुंवारी मां, अवैध संबंध सहित अन्य कारणों पर भी छानबीन कर रही है।
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निर्दयी मां कौन, तलाश कर रही दो टीमें
बच्ची को इस हाल में छोड़कर जाने वाली निर्दयी मां कौन थी, उसकी तलाश में दो टीमें लग गई हैं।
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अस्पताल में 60 कैमरे, इनमें 15 चल नहीं रहे
पुरुष शौचालय में बच्ची का मृत शव मिलना अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी दिखा रहा है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्ची को जन्म देने वाली महिला भर्ती नहीं थी। वहीं, अस्पताल में 65 कैमरे लगे हैं, इनमें से 15 चल नहीं रहे हैं।
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सरकारी अस्पतालों में नवजातों की सुरक्षा खतरे में
इससे पहले सोमवार को मेडिकल कॉलेज के वार्ड में दीपा ने तीन दिन के नवजात को 85 हजार रुपये में बेच दिया था। इससे पहले 30 अगस्त को गायनिक वार्ड से एक दिन का नवजात चोरी कर लिया गया था। वहीं, 3 फरवरी को मुंडाली की महिला के बेटे को वार्ड से अगवा किया गया था।