केरल में रहने वाले 62 वर्षीय ए.के मोहम्मद बशीर ने 2016 में दुबई में लॉटरी के रूप में $ 1 मिलियन का पहला पुरस्कार जीता था.
पहली बार लॉटरी टिकट खरीदने वाले पंजाब के फतेहाबाद जिले के आजाद सिंह ने फरवरी 2017 में 1.5 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार जीता था.
दुबई में एक फर्म में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में काम करने वाले हरिकृष्णन ने जनवरी 2018 में 3.2 मिलियन डॉलर (20.8 करोड़) की लॉटरी जीती, जो अब तक की सबसे बड़ी रैफल पुरस्कार राशि थी.
पंजाब के संगरूर जिले के मांडवी गांव में रहने वाले मनोज कुमार ने 2018 में लॉटरी टिकट खरीदने के लिए 200 रुपए उधार लिए. बाद में, जब पंजाब राज्य लॉटरी ने विजेता का नाम घोषित किया तो मनोज विजेता बने और 1.5 करोड़ रुपए की बड़ी रकम अपने नाम की
भारतीय मूल के कृष्णा 20 साल पहले एक रिश्तेदार की मदद से पढ़ाई के लिए अमेरिका गए थे. अमेरिका में उन्होंने ऐसे ही एक लॉटरी खरीदी और 14.5 मिलियन (104 करोड़ रुपये) का जैकपॉट जीत लिया.
पंजाब पुलिस के कांस्टेबल अशोक कुमार एक अजनबी लॉटरी टिकट बेचकर चला गया था. बाद में, जब 20 जनवरी 2020 को पंजाब स्टेट लोहड़ी बम्पर लॉटरी ने विजेता का नाम घोषित किया तो अशोक 2 करोड़ रुपये के मालिक बन गए थे.
तेलंगाना निवासी विलास रिक्काला काम के लिए 2014 में दुबई गए थे. साल 2019 में उन्होंने यूएई की ‘बिग टिकट’ खरीदा और विजेता बनकर उभरे थे. उन्होंने 28.5 करोड़ रुपये का बम्पर ईनाम जीत लिया है.
साल 2020 में केरल के एक पिता ने अपने बेटे बेबी मोहम्मद सालाह के नाम से लॉटरी टिकट खरीदा और संयुक्त अरब अमीरात के एक मंथली रैफल ड्रा में 1 मिलियन डॉलर जीत लिए.
भारतीय मूल के शिबू पॉल और लिननेट जोसेफ ब्रिटेन के नॉटिंघम में रहतें है. यहां उन्होंने एक कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और 1.84 करोड़ रुपये की ‘लेम्बोर्गिनी उर्स’ कार जीती. शिबू ‘बेस्ट ऑफ द बेस्ट’ द्वारा आयोजित लाइफस्टाइल कॉम्पिटिशन के विजेता बने थे.
बहरीन की एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सुनील कुमार ने 2020 में दुबई ड्यूटी फ्री मिलेनियम मिलियनेयर ड्रॉ में 1 मिलियन अमरीकी डॉलर का ईनाम जीता था.
जनवरी 2021 में केरल के रहने वाली 46 वर्षीय शराफुद्दीन ने एक लॉटरी के टिकट से ‘केरल सरकार के क्रिसमस न्यू ईयर बम्पर लॉटरी पुरस्कार’ जीता था.
पंजाब के अमृतसर में रहने वाली रेनू 11 फरवरी 2021 को पंजाब स्टेट डियर 100 प्लस लॉटरी ड्रॉ की विनर थीं. उन्होंने 1 करोड़ रुपए अपने नाम किए थे.
पश्चिम बंगाल निवासी पेशे से मजदूर प्रतिभा मंडल की किस्मत उस वक्त बदल गई, जब उसकी लॉटरी लग गई और पुरस्कार के रूप में 80 लाख रुपए मिले.