आज कल दुनिया में हर तरफ तबाही मची हुई है. अपने फायदे के लिए इंसान ही इंसान का दुश्मन बना हुआ है. इन सबके बीच सबसे ज़्यादा किसी चीज़ को नुकसान पहुंचा है, तो वो है इंसानियत. धीरे-धीरे इंसानियत का खत्म होते जाना दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है.
आज के समय में किसी दुर्घटना में घायल हो कर लोग तड़प रहे होते हैं, लेकिन उनकी मदद करने कोई आगे नहीं आता. उनकी वीडियो बनाने के लिए भीड़ इकट्ठी हो जाती है, पर मदद करने के लिए कोई हाथ आगे नहीं बढ़ता. ऐसा नहीं कि लोगों के अंदर ये इंसानियत पूरी तरह से मर चुकी है, बस ज़रूरत है तो उस इंसानियत को जगाने की.
इस इंसानियत को जगाने का काम कर रहे हैं कुछ बच्चे. इन बच्चों की दरियादिली को देख कर आपकी आंखें भीग जाएंगी. वो बच्चे कौन हैं आइए जानते हैं:
1. बाल दान करने वाली क्रिस्टिन मेकफिलमी
इंसानियत मापने का कोई पैमाना नहीं बना. आप इसे बचाने के लिए जितना कर सकें उतना ही काफी है. जिसकी जितनी औकात वो उसी स्तर से इंसानियत को बताने की कोशिश कर सकता है. अब जैसे की 8 वर्षीय क्रिस्टिन मेकफिलमी को ले लीजिए. कहा जाता है कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं, क्रिस्टिन जैसे बच्चे इस कहे को सच साबित करते हैं.
क्रिस्टिन ने दो साल तक अपने बाल बढ़ाए. उसके बड़े बालों को लेकर स्कूल में बच्चे उसे चिढ़ाते थे, कोई उसके लंबे बालों को खींचने लगता था. क्रिस्टिन को बहुत परेशान किया गया, लेकिन उसने बाल बढ़ाना बंद नहीं किया. क्या आप सोच सकते हैं कि उसने ऐसा क्यों किया होगा?
अगर नहीं तो जान लीजिए कि क्रिस्टिन ने दो साल तक अपने बाल इसलिए बढ़ाए ताकि वो कैंसर के कारण जिन बच्चों के बाल झड़ चुके हैं. उन्हें अपने बाल डोनेट कर सके.
2. खाना खिलाने वाला बच्चा
भरी हुई थाली में से किसी को एक रोटी देना उतनी बड़ी बात नहीं है, जितनी बड़ी बात एक रोटी में से आधी रोटी किसी दूसरे को देने में है. चैरिटी के नाम पर तो कई दानी सज्जन करोड़ों दान कर देते हैं, लेकिन उन करोड़ों से ज़्यादा बढ़ कर है बच्चों के टूटे हुए पिगी बैंक का खजाना.
तस्वीर में दिख रहा ये बच्चा एक दिन सुबह उठता है और साल भर से जमा किए हुए 120 डॉलर लेकर अपने पिता के पास जाता है. वह पिता से कहता है कि उसने कुछ रुपये जमा किए हैं, जिनके इस्तेमाल से वो कुछ अच्छा करना चाहता है.
जब उसके पिता ने पूछा कि आखिर वो इन पैसों का क्या करना चाहता. तो बच्चे ने जवाब दिया कि वो इससे बेघर लोगों के लिए खाना खरीदना चाहता है. बच्चे ने अपने पूरे साल भर की पॉकेट मनी इस काम के लिए जमा कर रखी थी.
3. एक जापानी लड़की
आए दिन हम न्यूज़ चैनलों पर राजनेताओं की डिबेट देखते सुनते हैं. कभी ये ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हैं, तो कभी एक-दूसरे से लड़ने लगते हैं. वहीं कई होते हैं, जो लाइव शो में ही रोने लगते हैं. इन्हें रोता देख लोग पब्लिसिटी स्टंट बता कर खूब मज़े लेते हैं, हंसते हैं. आंसुओं की कीमत शून्य सी हो गयी है. पहले खुद को दुखी बताने के लिए आंखों का नम होना ही काफी होता था.
किन्तु, समय के साथ इन आंसुओं में भी मिलावट होने लगी. ऐसे में भला इन आंसुओं को कौन पोछेगा? लेकिन 2016 में वायरल हुई एक तस्वीर ने दुनिया को ये समझा दिया कि कौन किस वजह और किस मंशा से रो रहा है. ये सोचने से ज़्यादा ज़रूरी है उस रोते हुए इंसान के आंसू पोछना.
तस्वीर में एक जापानी राजनेता टीवी पर रो रहा है और एक छोटी सी बच्ची अपने टीवी स्क्रीन को रुमाल से कुछ इस तरह पोछ रही है, जैसे वो उसके आंसू पोछने की कोशिश कर रही हो. इस वायरल तस्वीर को देखने के बाद आपका दिल पिघल जाएगा और इस बच्ची की वजह से चेहरे पर मुस्कान खिल जाएगी.
4. छाते वाली लड़की
मुंबई की बारिश को भला कौन नहीं जानता. जब ये अपना भयानक रूप लेती है, तो हर किसी को घरों में छुपने पर मजबूर कर देती है. ऐसे में हर कोई अपनी जान बचाने की सोचता है, लेकिन इस वायरल तस्वीर को देख कर आपकी सोच बदल जाएगी. मुंबई की ये छोटी सी लड़की भारी बारिश में अपने छाते से एक कुत्ते को बचाने की कोशिश कर रही है.
बड़ी बात ये है कि ये कुत्ता कोई पालतू नहीं बल्कि आवारा है और इन आवारा कुत्तों की किसी को परवाह नहीं होती. ऐसे में इस बच्ची की ऐसी तस्वीर इंसानियत की जीती जागती मिसाल है.
5. आठ सहेलियां
अपने बारे में तो हर कोई सोचता है, लेकिन असली इंसान वही है जो दूसरों की पीड़ा को समझ सके. इस समझ की कोई उम्र नहीं होती. सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह तस्वीर इस बात की गवाही देती है. इस तस्वीर में दिख रही आठ बच्चियों ने अपना एक छोटा सा ग्रुप बनाया.
कैनडा के हैलीफैक्स शहर की ये बच्चियां ठंड के मौसम में अपने इलाके के खंभों पर कोट टांग आती थीं. दरअसल ये कोट उन लोगों के लिए होता जो बेघर बेसहारा हैं और जिन्हें ठंड में गर्म कपड़ों की ज़रूरत है. इनकी इस तस्वीर ने कई लोगों को ऐसे नेक काम करने के लिए प्रोत्साहित किया.
6. ब्रुकलीन
हम सब कूड़ा कचरा फैलाते हैं, और कोई इंसान आ कर उस कचरे को ले जाता है. अगर कुछ दिन तक ये कचरा उठाने वाले ना आएं तो हमारी हालत खराब हो जाएगी. ये हमारी ज़िंदगी को साफ सुथरा रखने की कोशिश करते हैं, और हम हैं कि इनका धन्यवाद तक नहीं कर पाते.
लेकिन नन्हीं सी ब्रुकलीन हमारे जैसी नहीं है. ये तस्वीर 2016 की है. इसमें ब्रुकलीन तथा डेल्वर दिख रहे हैं. दरअसल डेल्वर हर गुरुवार को ब्रुकलीन के इलाके से कचरा उठाने आता था. ब्रुकलीन को उसका बेसब्री से इंतज़ार रहता था. एक दिन जब डेल्वर आया, तो ब्रुकलीन भाग कर उसके पास गयी और उसे एक कप केक दिया.
उस दिन ब्रुकलीन का जन्मदिन था. उसने अपने हिस्से का कपकेक डेल्वर को देते हुए उसके प्रति अपने स्नेह को व्यक्त किया. अगली बार मिलने पर डेल्वर ने भी उसे जन्मदिन का शानदार तोहफा दिया. इसके बदले में ब्रुकलीन ने डेल्वर के लिए बड़ा सा थैंक्यू कार्ड बनाया. इस तस्वीर ने लोगों को बहुत भावुक कर दिया था.
7. हैप्पी एनिमल्स कल्ब
2014 में एक बच्चे की तस्वीर वायरल होती है, जिसमें वो सड़क के आवारा कुत्तों को बड़े सलीके से बैठ कर खाना खिला रहा है. ये बच्चा है फिलिपिन्स का केन. केन की उम्र उस समय यही कोई 8 वर्ष रही होगी, लेकिन उसके अंदर बड़ों से ज़्यादा संवेदना थी. ये तस्वीर उस समय वायरल हुई थी, जब केन अपने पिता से एक एनिमल शेल्टर खोलने की ज़िद्द कर रहा था.
उसके पिता ने समझाया कि इसके लिए बहुत पैसे लगेंगे लेकिन केन नहीं माना. लेकिन कहते हैं ना कि सोच नेक हो तो ईश्वर खुद कोई ना कोई रास्ता निकालता है. केन की ये तस्वीर वायरल हो गयी और उसे दुनिया भर से इस नेक काम के लिए मदद मिलने लगी.
केन अब अपने मन की करने को आज़ाद था. उसने लोगों की मदद से हैप्पी एनिमल्स कल्ब नाम से एक शेल्टर खोला जिसमें आवारा जानवरों के रहने व खाने की व्यवस्था है. अब उसके पाले जानवरों को लोग अडोप्ट भी करते हैं.
8. बिलाल
अगर आग लगी हो तो कोई भी व्यक्ति सबसे पहले अपनी जान बचाएगा. यही होता है, हर कोई सबसे पहले खुद को सुरक्षित रखने की बात सोचता है, लेकिन इस तस्वीर में जो 12-13 साल का लड़का दिख रहा है उसे खुद से ज़्यादा किसी और की परवाह थी. यह तस्वीर बांग्लादेश में आए बाढ़ के समय की तस्वीर है.
तस्वीर में जो हाथ दिख रहे हैं, वो बिलाल के हैं. इस बाढ़ में एक हिरण का बच्चा अपने परिवार से बिछड़ गया था और पानी में डूब रहा था. अब भला इस बाढ़ के पानी में उस नन्हीं सी जान को बचाने के लिए कौन अपनी जान खतरे में डालता. लेकिन बिलाल ने ये सब नहीं सोचा और उस नन्हें हिरण को बचाने को कूद गया.
एक पल को तो लगा कि बिलाल भी डूब गया, लेकिन तभी पानी के अंदर से एक हाथ बाहर आया, जिसने हिरण के बच्चे को उठा रखा था. बिलाल ने उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया. यह तस्वीर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हसीबुल बहाव ने अपने कैमरे में कैद की थी.
9. नोहा एल्ड्रिच
बच्चे भगवान का रूप इसलिए भी कहे जाते हैं, क्योंकि उनके अंदर दूसरों के प्रति स्नेह तथा फिक्र उसी तरह होची जिस तरह ईश्वर के अंदर. नोहा एल्ड्रिच इस बात का जीता जागता सबूत है. नोहा का भाई लूकस ना बोल सकता है. ना चल सकता है और ना ही खुद से खा सकता है. ऐसे बच्चों को लोग असहाय मान लेते हैं, लेकिन नोहा को ये मंजूर नहीं था कि उसके भाई को कोई असहाय समझे.
नोहा ने लूकस के अंदर आत्मविश्वास जगाने के लिए यूथ ट्रायथलन में हिस्सा लिया. इस रेस में नोहा अकेला नहीं दौड़ा बल्कि लूकस को एक ट्राली में बिठा कर उसे साथ लेकर दौड़ा. उसने 54 मिनट में ये रेस पूरी की. रेस खत्म होने के बाद हर किसी ने तालियां बजा कर दोनों भाइयों का उत्साह बढ़ाया.
ऐसा नहीं कि दुनिया में नेकी करने वालों की कमी है लेकिन जिस उम्र में बच्चे खिलौने और अन्य चीज़ों के लिए ज़िद कर रहे होते हैं उस उम्र में दूसरों के बारे में सोचना और उनकी मदद करना बड़ी बात है. बच्चों की ये तस्वीरें एक तरह से इंसानियत का बीज हैं जो इनके द्वारा दूसरों के मन में बोया गया है. आप भी इनके बारे में दो शब्द कमेंट में लिख कर ऐसे बच्चों का उत्साह बढ़ा सकते हैं.